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चिड़ावा। राम भक्त हनुमान जी का चरित्र जीव मात्र के लिए प्रेरणादायक है। हनुमान जी से संयम, स्वामिभक्ति और ब्रह्मचर्य की शिक्षा ली जा सकती है। वे हमारे जागृत देवों के रूप में अभी भी संसार में विद्यमान है। ये प्रवचन वाणिभूषण पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी ने चिड़ावा कॉलेज रोड पर पोद्दार पार्क स्थित सनातन आश्रम में महालक्ष्मी मंदिर स्थापना महोत्सव के तहत आयोजित श्री हनुमत ज्योति मंगल पाठ के दौरान दिए।

उन्होंने कहा कि बिना हनुमान जी के राम के काज पूरे नहीं होते। श्री राम भी हनुमान जी को भरत के समान भाई मानते थे। आयोजन के प्रारंभ में आचार्य नरेश शास्त्री के आचार्यत्व में यजमान मनोज फतेहपुरिया ने हनुमान जी महाराज, नव गृह, देव और व्यास पूजन किया। इस मौके पर तेजप्रकाश सोनी, गिरधर गोपाल महमिया, अशोक व्यास, बालकृष्ण चौरासिया, पवन पांडे सहित महिला और पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।