REPORT TIMES
बीते एक हफ्ते से दिल्ली, उतराखंड समेत भारत के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर है. दिल्ली में एक बार फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ने की खबरें आ रही है. दिल्ली के अलावा हिमाचल और उत्तराखंड में भी बाढ़ से भारी तबाही हुई है. इस बाढ़ से जान माल का नुकसान तो हुआ ही है. साथ ही इकोनॉमी को भी तगड़ा नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है. एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस बाढ़ से 10 से 15000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है.एसबीआई की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बाढ़ से हुए नुकसान का सटीक फिगर निकालना अभी थोड़ा मुश्किल है, लेकिन जो अनुमान लगाया गया है उसके मुताबिक इस तरह की आपदाओं से देश पर आर्थिक दवाब भी बढ़ता है. एसबीआई के रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक इससे करीब करीब 15 हजार करोड़ का नुकसान हो सकता है.एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले साल 2020 में जो बाढ़ आई थी. उस बाढ़ से इकोनॉमी को 52,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. रिपोर्ट में इससे निपटने के तरीके भी बताए गए हैं. एसबीआई इकोरैप के मुताबिक इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए इंश्योरेंस का कवर बढ़ाने की जरुरत है. कोरोना से आपदा के बाद इंश्योरेंस का दायरा देश में बढ़ा है, लेकिन इसे अभी और बढ़ाने की जरुरत है. ताकि आपदा से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके.
बाढ़ और तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान
इस रिपोर्ट के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं में सबसे ज्यादा नुकसान बाढ़ से ही होता है. इकोरैप में कहा गया है कि देश में 41 फीसदी नेचुरल डिजास्टर का कारण बाढ़ ही है. वहीं तूफान से भी देश की इकोनॉमी को काफी नुकसान झेलना पड़ता है. वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में इस तरह की आपदाओं से भारी नुकसान होता है. इसके मुताबिक दुनिया भर में इस तरह की आपदाओं में सबसे भारी नुकसान भारत औऱ चीन को ही झेलना पड़ता है. साल 2021 में जो बाढ़ आई थी उसमे चीन को करीब 1.50 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था.