REPORT TIMES
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीते 4 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं हो सका है. जयपुर से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है. 2 बार की मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे सिंधिया भी पुरजोर कोशिश में हैं कि उन्हें फिर से राज्य की सत्ता सौंपी जाए. फिलहाल वो दिल्ली में हैं और आज गुरुवार शाम को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात होने वाली है. इस बीच पार्टी की प्रदेश की सियासत में कद्दावर नेताओं में से एक वसुंधरा का खेमा लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स का दांव चल रहा है. बताया जाता है कि वसुंधरा बहुमत के साथ पार्टी के अंदर अपने समर्थकों का बहुमत जताने की कोशिश कर रही हैं. विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अंदर वसुंधरा राजे के करीब 35 करीबियों को टिकट मिला था. उन्होंने अपने समर्थकों के लिए उनके चुनावी क्षेत्र में जाकर जमकर चुनाव प्रचार किया. वसुंधरा ने खुद की सीट को छोड़कर करीब 45 समर्थित विधायकों का प्रचार किया था. चुनाव के बाद उनके कई समर्थक चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
वसुंधरा के पक्ष में कितने विधायक?
चुनाव के बाद वसुंधरा राजे के समर्थित विधायकों की संख्या निर्दलीय चुनकर आए विधायकों को मिलाकर करीब 50 के आस पास पहुंच गई है. यही नहीं चुनाव परिणाम आने के बाद करीब 40 विधायक वसुंधरा राजे से मिलने उनके आवास पर भी गए थे. हालांकि दूसरी ओर, वसुंधरा के स्टाफ के अनुसार मिलने वाले विधायकों की संख्या 50 के आस-पास बताई जा रही थी. मिलने वाले विधायकों में विधायक ललित मीणा भी उनमें शामिल थे जो वसुंधरा से मिलने आए. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे लगातार अपने सभी समर्थित विधायकों से फोन के जरिए संपर्क में बनी हुई हैं. चुनाव में बीजेपी को 199 सीटों में से 115 सीटों पर जीत मिली थी, इसमें से 35 उन उम्मीदवारों को भी जीत मिली जो वसुंधरा राजे के समर्थक बताए जाते हैं. साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि अब उनके समर्थकों की संख्या 45 तक पहुंच गई है. इसके अलावा कम से कम 5 निर्दलीय विधायक भी वसुंधरा राजे के संपर्क में हैं.
पार्टी के अंदर रिसॉर्ट पॉलिटिक्स भी!
प्रेशर पॉलिटिक्स में वसुंधरा राजे की ओर से रिसॉर्ट पॉलिटिक्स भी आजमाया जा रहा है. बारा के विधायक राधेश्याम बैरवा के बारे में कहा जा रहा है कि वह 6 विधायकों को रिसॉर्ट ले आए थे. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इन विधायकों को संगठन के किसी भी सदस्य से नहीं मिलने को कहा गया है. इन नवनिर्वाचित विधायकों को पार्टी दफ्तर जाने से भी रोका गया. सूत्रों का कहना है कि रिसॉर्ट में लाए गए विधायकों से कहा गया कि वसुंधरा राजे सीधे बात करेंगी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वसुंधरा राजे की ओर से पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री बनने के लिए बहुमत में बहुमत जुटाने की कोशिश की जा रही है.
3 दिसंबर को आया था रिजल्ट
राज्य में नई सरकार के गठन से पहले कई तरह के दावे किए जाए रहे हैं, इसी में विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज ने TV9 से कहा कि वसुंधरा के सासंद बेटे दुष्यंत सिंह के कहने पर ही इन विधायकों को होटल में ठहराया गया था. पिता का दावा है कि इस तरह की कोशिशों के बारे में जानकारी मिलने पर उन्होंने पार्टी महासचिव अरुण सिंह को इस घटना के बारे में बता दिया था. राजस्थान में रविवार (3 दिसंबर) को 199 सीटों पर कराए गए चुनाव के परिणाम सामने आए जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 115 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया. जबकि सत्तारुढ़ कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा और महज 69 सीटों पर सिमट कर रह गई.