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जानिए, आखिर क्यों नहीं हो रहा राजस्थान में मंत्रिमंडल का ऐलान? 3 घंटे के शॉर्ट नोटिस पर भी हो सकता है शपथ ग्रहण

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राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है. न केवल राजस्थान के लोग और विपक्ष बल्कि बीजेपी विधायक और नेता भी मंत्रियों के नाम जानने की उत्सुकता है. बता दें, राजस्थान में मंत्रिमंडल गठन को लेकर बीजेपी विधायकों की किसी तरह की बैठक आयोजित नहीं की गई है. बल्कि मंत्रियों के नाम दिल्ली आलाकमान द्वारा तय किये जा रहे हैं. हालांकि, सीएम भजन लाल शर्मा  दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं. जिसे लेकर कहा जा रहा है कि सीएम की ओर से लिस्ट सौंपी गई है जिस पर अंतिम फैसले का इंतजार किया जा रहा है.

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आखिर क्यों नहीं हो रहा है मंत्रिमंडल विस्तार

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छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जहां सबसे पहले सीएम और डिप्टी सीएम का ऐलान हुआ था. वहीं दोनों राज्यों में मंत्रिमंडल का गठन भी कर दिया गया है. हालांकि, विभागों के बंटवारे का अभी भी इंतजार है. लेकिन राजस्थान में सीएम और डिप्टी सीएम का ऐलान आखिर में किया गया था. जबकि मंत्रिमंडल का गठन भी आखिर में किया जा रहा है. हालांकि, सवाल लाजमी है कि आखिर बीजेपी मंत्रिमंडल के विस्तार में क्यों देरी कर रही है. विपक्ष लगातार इस पर राज्य सरकार से सवाल पूछ रहा है. हालांकि, राजनीतिक विद्वानों का मानना है कि मंत्रिमंडल गठन को लेकर बीजेपी विशेष रणनीति अपना रही है. पहले कहा जा रहा था कि राजस्थान में मिनी कैबिनेट का गठन किया जाएगा. जिसमें सीएम समेत करीब 15 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा. लेकिन पार्टी की ओर से कैबिनेट को विस्तार पूर्वक गठन करने का विचार कर रही है. अब कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के तर्ज पर बड़ा मंत्रिमंडल होगा और इसमें करीब 23 से 24 मंत्रियों को नियुक्त किया जाएगा.

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बताया जा रहा है कि सीएम ने 30 नामों की लिस्ट आलाकमान को सौंपी है. जिसमें से मंत्रियों को तय किया जाएगा. वहीं आलाकमान पूरे समीकरण के साथ इस लिस्ट को तैयार कर रही है. जिसमें जाट, गुर्जर, वैश्य, एससी, एसटी, युवा चेहरा, अनुभवी चेहरा सभी का ध्यान रखा जा रहा है.

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देरी के यह भी हो सकते हैं कारण

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राजस्थान में कैबिनेट गठन में देरी के और भी  कारण बताए जा रहे हैं. जिसमें से करणपुर विधानसभा सीट पर 5 जनवरी को मतदान होना है. ऐसे में सीएम भजन लाल शर्मा करणपुर विधानसभा सीट पर फोकस कर रहे हैं. जबकि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह पश्चिम बंगाल दौरे पर है. वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शेड्यूल भी काफी टाइट है. उनसे इस पर बात नहीं हो पाई है. जबकि उनके शेड्यूल को देखते मंत्रिमंडल का ऐलान हो सकता है. क्योंकि पीएम मोदी विधायकों को मंत्रिमंडल विस्तार पर वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए संबोधित कर सकते हैं.

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3 घंटे के शॉर्ट नोटिस पर हो सकता है शपथ ग्रहण

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मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि शपथ ग्रहण की सारी तैयारी पहले ही हो रखी है. अगर चाहें तो 3-4 घंटे के शॉर्ट नोटिस पर भी शपथ ग्रहण कराया जा सकता है. क्योंकि पहले 27 दिसंबर को कैबिनेट के ऐलान की बात कही गई थी. इस वजह से राजभवन में सारी तैयारी हो चुकी है यहां टेंट भी लग चुका है.

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