Report times.inराजस्थान में चुनावी माहौल गर्म है। खासकर कोटा बूंदी संसदीय सीट। स्पीकर ओम बिरला, प्रहलाद गुंजल आमने सामने हैं। दोनों नेताओं के सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स कमेंट कर रहे हैं। लेकिन एक कमेंट , लाइक्स ने जिला प्रशासन की हवाइयां उड़ा दी।कलेक्टर के अधिकृत एक्स अकाउंट से कांग्रेस प्रत्याशी “प्रहलाद गुंजल जिंदाबाद’ लिख दिया। सोमवार शाम 4:04 बजे यह पोस्ट लिखी तो प्रशासन हरकत में आया। अकाउंट सूचना एवं जनसंपर्क दफ्तर से ऑपरेट होता है। तत्काल प्रशासन ने एक्शन लेते हुए एक सूचना सहायक (आईए) को सस्पेंड कर दिया। पीआरओ- एपीआरओ को सीसीए नियम-16 के तहत चार्जशीट दे दी।
कलेक्टर के इस अकाउंट से सरकार की योजनाओं और आचार संहिता अवधि में चुनाव या मतदाता जागरूकता से जुड़ी सूचनाएं पोस्ट की जाती हैं। कोटा बूंदी संसदीय सीट के कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल की एक पोस्ट पर इस अकाउंट से कमेंट सेक्शन में लिखा गया- “प्रहलाद गुंजल जिंदाबाद’। जैसे ही कलेक्टर डॉ. रवींद्र गोस्वामी के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने तत्काल नगर निगम कोटा दक्षिण के अतिरिक्त आयुक्त जवाहरलाल जैन को जांच सौंपी। प्रारंभिक रिपोर्ट में पता चला कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग कोटा में उक्त अकाउंट के आईडी-पासवर्ड सूचना सहायक बृजबाला मीणा के पास हैं। जो विभागीय अधिकारियों की निगरानी में यह अकाउंट ऑपरेट करती हैं। इस पर बृजबाला को निलंबित कर दिया। सूचना जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) रचना शर्मा, सहायक जनसंपर्क अधिकारी (एपीआरओ) आकांक्षा शर्मा को 16 सीसीए के तहत चार्जशीट दे दी।
कोटा के एडीएम (प्रशासन) मुकेश चौधरी ने मीडिया से कहा मामले की अलग से जांच शुरू की गई है। साइबर सेल को भी लिखा गया है, जो इस पहलु पर जांच करेगी कि किसी ने उक्त आईडी हैक करके तो ऐसा नहीं किया? यह कोटा कलेक्टर का अधिकृत एक्स अकाउंट है, जो सूचना जन संपर्क विभाग के कोटा कार्यालय से ऑपरेट होता है।
आरोप पर कार्रवाईक
1कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कोटा के आधिकारिक एक्स एकाउंट पर प्रतिकूल राजनीतिक प्रविष्टि की गई। आधिकारिक एकाउंट से एक राजनीतिक पोस्ट को लाइक एवं कमेंट किया गया है, जो आदर्श आचार संहिता के साथ ही सेवा नियमों का भी उल्लंघन है।
2 कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कोटा के आधिकारिक एक्स एकाउंट को ऑपरेट करने के लिए आवश्यक आईडी एवं पासवर्ड आपको दिए गए थे। आप द्वारा उच्चाधिकारियों के विश्वास को भंग करने के साथ-साथ गंभीर आपराधिक कृत्य किया गया है।
3 उच्चाधिकारियों के आदेशों की पालना नहीं करना, गोपनियता भंग करना, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन, राजकीय आदेशों की स्पष्ट अवेहलना है तथा उन राजकार्य के प्रति संवेदनहीनता, उदासीनता एवं लापरवाही का द्योतक है, जिसके स्वयं व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है।