भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भरे गए मूल आवेदन पत्र व परीक्षा के प्रवेश पत्र के फोटो से कर्मचारियों के चेहरे से मिलान किया जाएगा
जयपुर प्रदेश में विभिन्न सरकारी भर्तियों के घोटालों के बीच शिक्षा विभाग ने भी पिछले पांच सालों में नियुक्त शिक्षक व अन्य कर्मचारियों की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए जिला शिक्षा विभाग ने ब्लॉकवार जांच कमेटी गठित कर कर्मचारियों के दस्तावेजों की पड़ताल करना तय किया है। जो मंगलवार से तीन दिन तक चलेगी। जांच के लिए कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से अपने सभी दस्तावेजों के साथ कमेटी के सामने उपस्थित होना होगा। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर कर्मचारी की नियुक्ति खत्म कर उससे वेतन रिकवरी की सिफारिश की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछली कई भर्तियों में पेपर लीक व डमी केंडिडेट से परीक्षा दिलाने के खुलासों के बाद राज्य सरकार ने पिछले पांच साल में नियुक्त हुए सभी राज्य कर्मचारियों का नए सिरे से सत्यापन करने की प्रकिरिया शुरू की है। शिक्षा विभाग के बाद प्रदेश के अन्य विभागों ने भी गलत तरीके से नौकरी हासिल करने वाले कर्मचारियों की जांच की कवायद शुरू कर दी है। राज्य सरकार की ओर से लगभग एक लाख कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच की जानी है, इनमें से लगभग 15 हजार कर्मचारी शेखावाटी में कार्यरत है।कर्मचारियों की जांच में भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भरे गए मूल आवेदन पत्र व परीक्षा के प्रवेश पत्र के फोटो से कर्मचारियों के चेहरे से मिलान किया जाएगा। इसके अलावा आवेदन पत्र व वर्तमान में किए जा रहे हस्ताक्षरों का मेल व पात्रता संबंधी दस्तावेज भी जांचे जाएंगे।जांच के लिए शिक्षा विभाग पहले पांच साल में नियुक्त हुए कर्मचारियों की सूची तैयार कर रहा है। इसके लिए सूची भी ब्लॉकवार तैयार की जा रही है। जिला शिक्षा विभाग ने सीबीईओ व सीबीईओ ने इस संबंध में पीईईओ को निर्देश जारी किए हैं। मंगलवार को सूची तैयार होने के साथ ही कमेटी कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर देगी।