राजस्थान के चुरू जिले में खाकी दागदार हुई है. यहां पुलिस के एक आलाधिकारी ने एक मामले को रफा दफा करने के एवज में 6 लाख रुपए की वसूली की. इतना ही नहीं आरोपों के अनुसार पीड़ितों को थाने में 7 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया और मारपीट की. अब पूरे मामले में आरोपी डीएसपी पर गाज गिरी है आरोपी DSP अनिल माहेश्वरी को एपीओ कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक हरियाणा से गुसाईंसर (बीकानेर) में हनुमानजी के एक कार्यक्रम में जा रहे हरियाणा के लोगों से सरदारशहर में डीएसपी द्वारा एक भाजपा पार्षद के जरिए छह लाख रुपए लिए जाने का मामला सामने आया है. हरियाणा के व्यक्ति ने एसपी को पत्र देकर सरदारशहर डीएसपी अनिल कुमार माहेश्वरी पर उनको थाने में सात घंटे रोकने और मारपीट कर मामला दर्ज करवाने का डर दिखाकर छह लाख रुपए लेने का आरोप लगाया है.
1 लाख नकद लिए, बाकी पैसे पार्षद के खाते में करवाए ट्रांसफर
पत्र में लिखा है कि डीएसपी माहेश्वरी को एक लाख रुपए नकद दिए गए उसके अलावा भाजपा पार्षद मदनलाल के खाते में 50 हजार रुपए और एक अन्य व्यक्ति सुरेंद्र कुमार के खाते 4.50 लाख रुपए डलवाए गए. तब जाकर उनको छोड़ा गया. एसपी ने मामले का पता चलते ही IPS राजगढ़ डीएसपी प्रशांत किरण से जांच करवाई और जयपुर डीजी को पूरे मामले से अवगत करवाया.
आगे की कार्रवाई को लेकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट बनाकर भी भेजी. इधर, मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजी), जयपुर यूआर साहू ने प्रसंज्ञान लेते हुए अनिल कुमार माहेश्वरी को APO कर दिया. मामले को लेकर सांसद राहुल कस्वां ने भी घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
हरियाणा से बीकानेर जा रहे थे सभी पीड़ित लोग
चूरू जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि हरियाणा के रेवाड़ी निवासी अमन जाट ने शिकायत में बताया कि 16 सितंबर की रात हरियाणा के रेवाड़ी से दो दर्जन से अधिक लोग पांच-छह गाड़ियों में सवार होकर बीकानेर किसी धार्मिल कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. सरदारशहर सीमा में प्रवेश करने पर डीएसपी अनिल माहेश्वरी गश्त पर थे. उन्होंने सभी गाड़ियों में सवार लोगों को रोक लिया. मौके पर पूछताछ के बाद सभी लोगों को सरदारशहर थाने लेकर आ गए. जहां उनसे पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान ऐसा कुछ नहीं लगा कि हरियाणा के लोग संदिग्ध हैं.
CMO में हुई थी शिकायत
जिला पुलिस अधिकारी यादव ने बताया कि शिकायत में सामने आया कि डीएसपी अनिल माहेश्वरी ने सरदार शहर के किसी भाजपा पार्षद मदन ओझा के मार्फत उन लोगों को छोड़ने की एवज में करीब छह से सात लाख रुपए की मांग की. जिस पर करीब पांच लाख रुपए ऑनलाइन और एक लाख रुपए नकद पेमेंट भी कर दिया गया. मगर इसके बाद हरियाणा के लोगों ने इसकी शिकायत जयपुर सीएमओ में की. जहां से चूरू एसपी को मामले की जांच के आदेश मिले. मामले की जांच कर रहे आईपीएस प्रशांत किरण को डीएसपी की भूमिका संदिग्ध लगी है. मामले की पूरी जांच कर अंतरिम रिपोर्ट एसपी जय यादव को भेज दी गई है.