कोटा। रिपोर्ट टाइम्स।
पिता का अरमान था कि बेटी नेशनल चैम्पियनशिप में खिताब जीतकर परिवार का नाम रोशन करे। खराब हालातों के बावजूद पिता लगातार बेटी का हौसला बढ़ाते रहे। मगर जब नेशनल चैम्पियनशिप होने वाली थी, तभी तीन दिन पहले पिता का देहांत हो गया। पिता की यकायक मौत से बेटी भी मायूस हो गई। मगर फिर
विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं टूटा हौसला
आयशा की इस जीत से सिर्फ राजस्थान का मान ही नहीं बढ़ा है, बल्कि आयशा ने चैम्पियनशिप में सिल्वर जीतकर पिता अब्दुल रहीम के अरमान को भी पूरा किया है। मगर आयशा का यह सफर आसान नहीं बल्कि बेहद मुश्किल रहा। आयशा के पिता का सपना था कि उनकी बेटी खेलों में अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन करे। इसलिए पंक्चर बनाने वाले पिता ने विपरीत आर्थिक हालातों के बावजूद बेटी को आगे बढ़ाया। मगर जब प्रतियोगिता में महज तीन दिन बचे थे, तब पिता की मौत हो गई। इसके बाद बेटी आयशा भी मायूस हो गई, मगर फिर उसने खुद को संभाला और आज सिल्वर जीतकर उसने यह साबित कर दिया कि कुछ ठान लिया जाए तो कितने भी विपरीत हालात हों सफलता हासिल की जा सकती है।
आयशा ने नेशनल एथलेटिक्स में जीता सिल्वर
कोटा की बेटी आयशा ने 29वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता की 200 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीतकर राजस्थान का मान बढ़ाया है। यह प्रतियोगिता ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित हुई थी। जिसमें आयशा शानदार प्रदर्शन के साथ फाइनल राउण्ड में पहुंचीं और सिल्वर जीतकर कोटा लौटी हैं। कोटा लौटने पर आयशा का परिवार और शहर के लोगों ने गर्मजोशी के साथ भव्य स्वागत किया।