Report Times
latestOtherकरियरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानस्पेशल

मानगढ़ से राहुल गांधी राजस्थान ही नहीं, मध्य प्रदेश के समीकरण को भी साधेंगे, आदिवासी वोटों पर किसका क्या है दावा?

REPORT TIMES

Advertisement

कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद में मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार को घेरने के बाद अब राजस्थान के मानगढ़ पहुंचे हैं. राहुल मानगढ़ धाम में दर्शन करने के बाद कांग्रेस की रैली को संबोधित करेंगे. आदिवासी दिवस के मौके पर राहुल गांधी बांसवाड़ा से आदिवासी समुदाय को साधने की कवायद करते नजर आएंगे. राहुल राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश को भी सियासी संदेश देने के रणनीति बनाई है. दोनों ही चुनावी राज्यों में आदिवासी वोटर्स काफी रोल में है, लेकिन कांग्रेस ने उदयपुर के चिंतन शिविर में आदिवासी और दलितों पर फोकस करने का प्लान बनाया था.कांग्रेस और बीजेपी दोनों का फोकस आदिवासी वोटर्स पर है. ऐसे में देखना है कि आदिवासी समुदाय पांच महीने के बाद होने वाले चुनाव में किस पर भरोसा जताएंगे? राजस्थान और मध्य प्रदेश की सियासत में आदिवासी समुदाय सत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. राजस्थान में 17 फीसदी और मध्य प्रदेश में 21 फीसदी आदिवासी समुदाय की आबादी है. इस लिहाज से उनकी राजनीतिक ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है. राहुल गांधी आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी बहुल राजस्थान के मानगढ़ में रैली करने के पीछे के सियासी मकसद को समझा सकता है, क्योंकि यहां से सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की सियासत को भी प्रभावित करने का दांव है.

Advertisement

Advertisement

आदिवासी समुदाय के गढ़ में राहुल गांधी

Advertisement

राहुल गांधी आदिवासी बहुल दक्षिण राजस्थान के इलाके में पहुंचे हैं, जहां से सूबे के चार जिले, बांसवाडा, उदयपुर, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर के इलाके में आदिवासी वोटर जीत हार तय करते हैं. चार जिलों में कुल 18 विधानसभा सीटें आती हैं. मेवाड़ का पूरा इलाका ही आदिवासी बेल्ट के तौर पर जाना जाता है, जहां 17 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए रिजर्व हैं जबकि पूरे राज्य में 34 सीटें उनके लिए आरक्षित हैं. इस तरह से राज्य की आधी आदिवासी सुरक्षित सीटें सिर्फ मेवाड़ इलाके में आती हैं. राजस्थान की मानगढ़ की सीमा मध्य प्रदेश और गुजरात से भी लगी हुई है, जहां पर आदिवासी समाज के लोगों की संख्या निर्णायक भूमिका में है. ऐसे में राहुल गांधी की रैली राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश की सियासत के लिए भी अहम है.

Advertisement

मध्य प्रदेश में क्या होगा सियासी प्रभाव

Advertisement

मानगढ़ धाम में राहुल गांधी चुनावी रैली का असर मध्यप्रदेश की सियासत पर भी पड़ना लाजमी है. मध्य प्रदेश में 21 फीसदी आदिवासी समुदाय हैं और उनके लिए 47 सीटें रिजर्व हैं. 2018 में कांग्रेस ने आदिवासी रिजर्व 47 सीटों में से 31 सीटें जीतकर सत्ता में काबिज हुई थी, जिसे कांग्रेस बचाए रखने तो बीजेपी अपना कब्जा जमाने की जुगत में है. ऐसे में राहुल गांधी मानगढ़ के जरिए मध्य की इन आदिवासी सीटों पर अपना वर्चस्व बनाए रखने की कवायद करेंगे, क्योंकि मध्य प्रदेश के चार आदिवासी जिले नीमच, मंदसौर, रतलाम और झाबुआ के लोगों की आस्था का केंद्र मानगढ़ धाम है. इतना ही नहीं सूबे के दूसरे जिले से भी आदिवासी समुदाय के लोग मानगढ़ धाम आते रहते हैं. ऐसे में राहुल गांधी राजस्थान से मध्य प्रदेश की भी सियासत को बाखूबी तरीके से साधते हुए नजर आएंगे.

Advertisement

आदिवासी वोटों पर कांग्रेस का फोकस

Advertisement

दरअसल, आदिवासी और दलित मतदाता एक समय कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं, लेकिन बीजेपी की नई सोशल इंजीनियरिंग के चलते अब उनसे दूर हो रहे हैं. बीजेपी और क्षेत्रीय दलों ने आदिवासी वोटों में सेंधमारी किया है. गुजरात चुनाव में भी आदिवासी वोट कांग्रेस से दूर हुआ, जिसके चलते ही कांग्रेस ने उदयपुर के चिंतन शिविर में आदिवासी वोटों को जोड़ने की रणनीति बनाई थी. इसी के तहत कांग्रेस ने आदिवासी और दलित समुदाय वोटों को साधने की कोशिश कर रहे हैं और राहुल गांधी का मानगढ़ दौरा भी उसी का हिस्सा माना जा रहा है. राहुल गांधी ने हाल के दिनों में सामाजिक न्याय वाली राजनीति पर खास फोकस किया, जिसके चलते कांग्रेस अब उन्हें आगे करके आदिवासी और दलित वोटों को अपने पाले में लाने की रणनीति बनाई है.

Advertisement

आदिवासी पार्टियां भी बन रही चुनौती

Advertisement

मध्य प्रदेश हो या फिर राजस्थान, दोनों ही राज्यों में आदिवासी समुदाय के लोगों ने राजनीतिक दल भी बना रखे हैं. मध्य प्रदेश जयस नाम से पार्टी बना रखी है तो राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) भी एक बड़ी ताकत बन रही है. बीजेपी की नजर तो है कि साथ ही क्षेत्रीय दल भी आदिवासी समुदाय के हक दिलाने की लड़ाई लड़ने का दम भर रही हैं. राजस्थान में पिछले चुनाव में बीटीपी के दो विधायक जीतने में सफल रहे थे, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था. मध्य प्रदेश में जयस के नेता कांग्रेस के टिकट ही चुनाव लड़े थे, जिसका फायदा कमलनाथ को मिला था.

Advertisement

बीजेपी की नजर भी आदिवासी वोटों पर

Advertisement

बीजेपी की नजर भी आदिवासी वोटों पर है. राहुल गांधी जिस मानगढ़ धाम पहुंचे हैं, उसी स्थान पर पिछले साल पीएम मोदी पहुंचे थे. मोदी ने गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री के साथ आदिवासी समुदाय के आस्था के केंद्र पर नजर आए थे. ऐसे ही तमाम आदिवासी समुदाय के महापुरुषों के जरिए भी बीजेपी आदिवासी समुदाय को साधने की कवायद कर ही. इतना ही नहीं बीजेपी ने देश में पहली बार आदिवासी समुदाय से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है, जिसके बहाने सियासी संदेश दिया जा रहा है. एक नवंबर 2022 को बीजेपी ने मानगढ़ धाम में पीएम मोदी की रैली किया था, लेकिन राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किया गया था. ऐसे में राहुल गांधी मानगढ़ के विकास के लिए नए प्रोजेक्ट और आदिवासी समुदाय के लिए बड़ा ऐलान कर सकते हैं. इस तरह से आदिवासी समुदाय के वोटों को लेकर सियासी संग्राम जारी है?

Advertisement
Advertisement

Related posts

उद्धव को एक और झटका! CAG करेगा BMC की दो सालों की जांच, शिंदे ने दिए आदेश

Report Times

अब सिर्फ 2 घंटे में गुरुग्राम से जयपुर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का कल PM करेंगे उद्घाटन

Report Times

बीकानेर में भीषण सड़क हादसा, शादी समारोह में शामिल होने आए गुजरात के डॉक्टर दम्पति, उनकी 18 माह की बेटी समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत

Report Times

Leave a Comment