रिपोर्ट टाइम्स।
इस समय हिंदू कैलेंडर का ग्यारहवां यानी माघ महीना चल रहा है. इस महीने को स्नान और दान करना बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ माह में तीर्थ स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती हैं. माघ माह में विशेष रूप से काले तिल के उपाय अत्यधिक लाभकारी माने गए हैं.
इस समय हिंदू कैलेंडर का ग्यारहवां यानी माघ महीना चल रहा है. इस महीने को स्नान और दान करना बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ माह में तीर्थ स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती हैं. माघ माह में विशेष रूप से काले तिल के उपाय अत्यधिक लाभकारी माने गए हैं.
पूजा में तिल का उपयोग
माघ माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पद्म पुराण के मुताबिक, तिल भगवान विष्णु से उत्पन्न हुए हैं. इसी कारण तिल को मोक्षदायक होने का वरदान प्राप्त है. माघ माह में भगवान विष्णु को तिल अर्पित करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
तिल का करें दान
माघ माह में खासतौर पर षटतिला एकादशी के दिन काले तिल का दान करना सबसे शुभ माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस महीने में जितने तिल दान किए जाते हैं, उतने वर्षों तक व्यक्ति वैकुंठ में सुख मिलता है. तिल का दान मृत्यु के बाद वैकुंठ लोक में स्थान दिलाने वाला माना गया है.
पितरों का करें तर्पण
माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या पर स्नान के बाद पितरों को जल अर्पित करना चाहिए. इस तर्पण के दौरान कुशा के साथ काले तिल का उपयोग करें. काले तिल को मोक्षदायक माना जाता है और इससे पितरों को तृप्ति देकर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है.
शनि दोष के उपाय
अगर आपकी कुंडली में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या है, तो शनिवार के दिन काले तिल का दान करना चाहिए. माघ माह में सूर्य देव शनि की राशि मकर में रहते हैं. धार्मिक कथा के अनुसार, सूर्य देव को शनिदेव ने काले तिल भेंट किए थे, जिससे वे प्रसन्न हुए. इस महीने में काले तिल का दान करने से कुंडली में सूर्य और शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
षटतिला एकादशी का उपाय
षटतिला एकादशी के दिन काले तिल का दान करने से घर में सुख, समृद्धि, धन और वैभव का आगमन होता है. इस दिन तिल का दान फलदायक माना जाता है. षटतिला एकादशी के दिन तिल का महत्व बहुत अधिक है, जिसके कारण इसके नाम षटतिला एकादशी पड़ा.