कोटा। रिपोर्ट टाइम्स।
मोबाइल नेटवर्क से अब दुनिया अब दुनिया मुट्ठी में आ गई है, मगर कोटा के कोलीपुरा गांव आएंगे तो यहां मोबाइल का लैंडलाइन की तरह इस्तेमाल देखकर दंग रह जाएंगे। यहां पूरा गांव सिर्फ एक मोबाइल पर निर्भर है। इसी मोबाइल पर कॉल आती है और इसी मोबाइल से गांव के लोग अपने परिचितों को कॉल करते हैं। आखिर कोलीपुरा गांव में ऐसा क्यों हो रहा है? बताते हैं
सिर्फ एक मोबाइल की बजती है घंटी
यह मामला कोटा के कोलीपुरा गांव का है, 50 घरों की आबादी वाला यह गांव मुकंदरा टाइगर रिजर्व के बीच बसा है। इस गांव में हर शख्स के पास मोबाइल है, मगर घंटी सिर्फ गोविंद मीणा के मोबाइल फोन की ही बजती है। गोविंद के मोबाइल से ही गांव के लोग किसी को कॉल करते हैं और सिर्फ इसी मोबाइल पर कॉल आती है। जब गोविंद के मोबाइल की घंटी बजती है तो पूरा गांव दौड़ पड़ता है कि कहीं यह कॉल उनके लिए तो नहीं।
छत पर लटका रखा मोबाइल, नहीं तो
कोलीपुरा के लोगों का कहना है कि गांव में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है, सिर्फ गोविंद मीना के मोबाइल फोन में ही नेटवर्क आता है। वो भी उनके घर की छत पर। इसलिए मोबाइल फोन को छत पर लटका रखा है, जब भी घंटी बजती है तो छत पर जाकर बात कर लेते हैं। गांव वालों का कहना है कि अगर मोबाइल को छत पर भी हाथ में ले लेते हैं, तो नेटवर्क छोड़ जाता है और कॉल कट जाती है। इसलिए मोबाइल को लैंडलाइन की तरह फिक्स कर रखा है, सोलर एनर्जी से चार्ज करते हैं।
एक मोबाइल से बात करता है पूरा गांव
पूर्व सरपंच नंदलाल मेघवाल का कहना है कि गांव में किसी भी कंपनी का मोबाइल टावर नहीं है। मगर गोविंद का मोबाइल छत पर नेटवर्क पकड़ता है, ऐसे में उसका मोबाइल STD PCO बना हुआ है। ग्रामीणों ने अपने परिचितों और रिश्तेदारों को गोविंद के मोबाइल फोन नंबर दे रखे है। जिसको भी बात करनी होती है वह गोविंद मीणा के फोन से ही करता है। कोलीपुरा के पास गिरधरपुरा गांव में भी ऐसी ही समस्या है।