रिपोर्ट टाइम्स।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2025 का आम बजट पेश किया, जिसे लेकर राजनीति में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस बजट को विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए इसे एक प्रगतिशील बजट करार दिया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि यह बजट आम आदमी की उम्मीदों के विपरीत है और इसमें उनके लिए कोई ठोस योजना नहीं है। इस तरह बजट पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं, और दोनों पक्षों के नेताओं के बीच तीखी बहस की संभावना बनी हुई है।
विकसित भारत की परिकल्पना
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘सर्वसमावेशी’ और ‘विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम’ बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश और पर्यावरण संरक्षण का उचित संतुलन देखने को मिला है, जो देश की भविष्यवाणी के लिए फायदेमंद साबित होगा।
गोविंद सिंह डोटासरा का बजट पर तीखा हमला
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्रीय बजट को लेकर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबों के लिए “खपाना” और पूंजीपतियों के लिए “खजाना” बना हुआ है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि राजस्थान को लेकर बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया और राज्य के साथ हमेशा भेदभाव किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की घोषणा और यमुना जल समझौते पर कोई बात नहीं की गई।
बेनीवाल ने बजट को युवाओं के लिए निराशाजनक
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि युवाओं को इससे निराशा हुई है, क्योंकि बजट में नई नौकरियों का कोई उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए भी उम्मीदें अधूरी रही हैं, और सरकार ने चुनावी राज्यों के अलावा अन्य राज्यों की जरूरतों को नजरअंदाज किया है।
बजट को आत्मनिर्भर भारत की दिशा…
भा.ज.पा. के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने केंद्रीय बजट को लेकर कहा कि यह आत्मनिर्भर और विकसित भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने इस बजट को गरीब, महिला, किसान और युवा सहित प्रत्येक वर्ग की जरूरतों को पूरा करने वाला बताया। राठौड़ ने यह भी कहा कि बजट में बुनियादी ढांचे, डिजिटल अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने में सहायक होगा।