REPORT TIMES : राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया. गहलोत ने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बैठकर बातचीत करनी चाहिए. उन्हें मानहानि का केस वापस ले लेना चाहिए और गरीबों को न्याय दिलाने में मदद करनी चाहिए, तभी वह निर्दोष माने जाएंगे.
‘पीड़ितों का न्याय दिलाने के लिए बैठकर बात करें’
अशोक गहलोत ने कहा, ‘गजेंद्र सिंह शेखावत दो-तीन बार सांसद बन चुके हैं. वर्तमान में वे कैबिनेट मंत्री हैं. सरकार का हिस्सा हैं. ये छोटी बात नहीं है. अब संजीवनी घोटाले पर बैठकर बात करने के लिए उन्हें आग आना चाहिए. उनके दावे के मुताबिक, अगर वे निर्दोष हैं, तो इसके साबित होने पर मुझे खुशी होगी. मेरा मकसद पीड़ितों की समस्या का हल करना है. इसके लिए मुझे, शेखावत, संघर्ष समिति के लोग और 5-7 पीड़ितों को साथ बैठना होगा, तभी आरोपों और समस्याओं का हल हो सकेगा.’
’15 पेशी हो चुकी हैं, केस विड्रॉ कर लेना चाहिए’
अशोक गहलोत ने सफाई देते हुए कहा, ‘सीएम रहते वक्त जो डॉक्यूमेंट्स मेरे पास आए थे, उसमें गजेंद्र सिंह शेखावत के पिता, माता और परिवार के अन्य सदस्यों का नाम था. उसी का बहाना करके उन्होंने दिल्ली में केस दायर कर दिया. अब तक 15 पेशी हो चुकी हैं. वो भी आते हैं, मैं भी जाता हूं. लेकिन अब उन्हें केस विड्रॉ कर लेना चाहिए और साथ बैठकर बातचीत करने के लिए आगे आना चाहिए. तब मैं मानूंगा वो निर्दोष हैं.’
संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला क्या है?
संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने कथित तौर पर 950 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है. यह घोटाला राजस्थान और गुजरात सहित कई राज्यों में फैला हुआ है. इसकी शुरुआत साल 2008 में बाड़मेर से हुई थी, और इसकी 237 शाखाएं खोली गईं थीं. सोसाइटी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हाई रिटर्न, विदेश यात्रा, और अन्य लालच दिया था.
निवेश करते ही उन्हें एजेंट बनाकर उनके अंडर में निवेश करने वालों का कमीशन दिया जाता. इस तरह संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की चैन बनती गई और लोग इसमें फंसते चले गए. प्रलोभन के चलते करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने 950 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया. सोसाइटी ने निवेशकों के पैसों को गलत तरीके से लोन पर दिया, इसका ब्याज भी निवेशकों को नहीं मिला.
सोसाइटी की अकाउंट्स बुक में 1100 करोड़ के ऋण दिखाए गए, इनमें अधिकतर बोगस ग्राहक हैं. विक्रम सिंह इस घोटाले का मास्टरमाइंड है, जिसे एसओजी ने गिरफ्तार किया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम इस घोटाले में आया है, जिन पर आरोप है कि वह विक्रम सिंह के नजदीकी हैं. एसओजी ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं, और जांच जारी है.
शेखावत ने दायर किया था मानहानि का केस
इस आरोपों पर उस वक्त शेखावत ने कहा था, ‘गहलोत जानबूझकर मेरा नाम जोड़कर बार-बार चरित्र हनन का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने मेरी दिवंगत मां को भी अभियुक्त कहकर अपमान किया. इससे आहत होकर मैंने मानहानि का दावा किया है.’
गहलोत ने किया था मानहानि केस का स्वागत
दूसरी ओर मानहानि केस को लेकर तत्कालीन सीएम गहलोत ने कहा था कि मानहानि केस का स्वागत है. इससे यह घोटाला चर्चा में आएगा. पीएम ऐसे घपलेबाज को अपने मंत्रिमंडल में कैसे रख सकते हैं? यह तो सब कागजों में है कि घपला हुआ है. संजीवनी घोटाले में लाखों डुबा चुके 80 प्रतिशत राजपूत हैं. मैं तो घोटाला पीड़ित गरीबों का दर्द सुनकर भावुक हो गया.