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‘SI भर्ती रद्द करना जल्दबाजी होगी’, भजनलाल सरकार ने राजस्थान HC में पेश किया जवाब, 7 जुलाई को अंतिम फैसला

REPORT TIMES : राजस्थान की बहुचर्चित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने साफ किया कि वह इस परीक्षा को रद्द करने के पक्ष में नहीं है. सरकार का कहना है कि जांच अभी जारी है और ऐसे में पूरी परीक्षा को रद्द करना जल्दबाज़ी होगी.

हाईकोर्ट की जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में SIT  गहन जांच कर रही है और पूरे रिकॉर्ड का परीक्षण करने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है. महाधिवक्ता ने कहा कि SIT की जांच सही दिशा में बढ़ रही है और अब तक कई दोषियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस आधार पर पूरे चयन को संदेह में डालना उचित नहीं है.

साथ ही यह भी बताया गया कि भर्ती के तहत चयनित कई अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ऐसे में पूरी परीक्षा को रद्द करना उनके भविष्य से खिलवाड़ होगा. इस बीच चयनित अभ्यर्थियों में राहत की सांस ली है जबकि परीक्षा की वैधता पर सवाल उठाने वाले याचिकाकर्ताओं ने SIT की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. 2021 में आयोजित SI भर्ती परीक्षा पर बड़े पैमाने पर चीटिंग और पेपर लीक के आरोप लगे थे. इसके बाद राज्य सरकार ने SIT का गठन किया था.

सरकार ने दिया सब-कमेटी की जांच का हवाला

सरकार ने यह भी जानकारी दी कि एक सब-कमेटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में भी यही सुझाव दिया गया है कि परीक्षा को रद्द नहीं किया जाए. इसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब प्रस्तुत किया. मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है.

क्या है मामला?

साल 2021 में 859 एसआई पदों को भरने के लिए राजस्थान में भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. इसमें पेपर लीक होने और डमी कैंडिडेट बिठाए जाने समेत बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां उजागर हुईं, जिसके चलते सरकार ने राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान दल (SOG) को इसकी जांच सौंपी थी. मामले में गड़बड़ी सामने आने पर 50 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के दो सदस्यों सहित कुल 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस मुख्यालय और राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की थी. एसआई भर्ती परीक्षा-2021 रद्द करने या न करने का निर्णय लेने के लिए, 1 अक्टूबर 2024 को 6 मंत्रियों की मंत्रिमंडलीय समिति बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट में भी परीक्षा रद्द करने की अनुशंसा की गई थी. हालांकि सीएम ने आखिर निर्णय नहीं लिया, जिसके चलते केस हाई कोर्ट में चला गया.

पिछली सुनवाई में मांगा था समय

सरकार ने पिछली सुनवाई में समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. तब सरकार को 1 जुलाई तक का समय दिया था ताकि वह इस मामले में ठोस निर्णय ले सके. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह आज जवाब अदालत में दाखिल करेंगे. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों और संबंधित पक्षों को परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

‘परीक्षा रद्द करने का मतलब युवाओं के साथ खिलवाड़’

इस मामले पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का कहना है, ‘परीक्षा रद्द कर ऐसे युवाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. परीक्षा में जो गड़बड़ी हुई है, उसकी जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं, उनको सजा मिलनी चाहिए.’

एसआई परीक्षा रद्द नहीं हुई तो दिल्ली कूच करेंगे बेनीवाल

SI भर्ती परीक्षा रद्द कराने के लिए पिछले करीब 70 दिनों से जयपुर में धरना दे रहे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, ‘राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला अगर हक में नहीं आता है तो हम युवाओं को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली कूच करेंगे.’

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