REPORT TIMES : राजस्थान के जैसलमेर से जोधपुर आ रही एक प्राइवेट स्लीपर बस में मंगलवार दोपहर को लगी भीषण आग ने कम से कम 20 लोगों को जिंदा जला दिया. यह भयावह दुर्घटना जैसलमेर जिले में हुई, जिसने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया. हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मृतकों के शव इस कदर जल चुके हैं कि उनकी पहचान अब केवल डीएनए जांच के जरिए ही संभव है.

हादसे में जान गंवाने वालों में भारतीय सेना के जवान महेंद्र मेघवाल (Mahendra Meghwal) भी शामिल हैं, जो दिवाली (Diwali 2025) की छुट्टियों पर अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे. 35 वर्षीय महेंद्र मेघवाल सेना के आयुध डिपो में तैनात थे और अपनी पत्नी पार्वती, दो बेटियों और एक बेटे के साथ डेचू के पास स्थित लवारन गांव जा रहे थे. इसी दौरान बस में आग लग गई और सभी की मौत हो गई.
डीएनए सैंपलिंग के लिए जोधपुर लाए गए 19 शव
बुधवार सुबह तक, अग्निकांड में मारे गए 19 लोगों के शवों को डीएनए सैंपलिंग के लिए जोधपुर लाया गया है. इन शवों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के वाहनों से लाया गया और उन्हें जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल (MGH) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की मोर्चरी में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में रखवाया गया है.
| शहर | हेल्पलाइन केंद्र | संपर्क नंबर |
| जोधपुर | जिला नियंत्रण कक्ष | 0291-2650349, 2650350 |
| महात्मा गांधी अस्पताल | 09414159222 | |
| राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला | 9414919021 | |
| जैसलमेर | ट्रॉमा सेंटर, जवाहर अस्पताल | 9460106451, 9636908033 |
| जैसलमेर हेल्पलाइन नंबर | 9414801400, 8003101400, 02992 252201, 02992 255055 |
एक परिवार, पांच जिंदगियां… सब खत्म
जैसलमेर से जोधपुर के बीच चल रही के.के. ट्रैवल्स की जिस बस (RJ 09PA8040) में यह हादसा हुआ, उसमें कुल 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जोधपुर के अस्पतालों में चल रहा है. लेकिन महेंद्र मेघवाल के परिवार की कहानी इस त्रासदी का सबसे दर्दनाक अध्याय है. दिवाली और परिवार के साथ बिताई जाने वाली छुट्टियों का उत्साह पल भर में धुआं बनकर उड़ गया. एक फौजी जो देश की सेवा में जुटा था, उसकी और उसके पूरे परिवार की जीवन-यात्रा एक सिंगल डोर वाली स्लीपर बस के भीतर जलकर खत्म हो गई.

DNA सैंपलिंग के लिए विशेष इंतजाम, प्रशासन की अपील
जैसलमेर बस अग्निकांड की त्रासदी के बाद, जिला प्रशासन जोधपुर और जैसलमेर ने जनता से मार्मिक अपील की है. लापता हुए या जिनका कोई परिजन नहीं मिल पा रहा है, उनकी पहचान और सहायता के लिए सहयोग मांगा गया है. प्रशासन के अनुसार, मृतकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उनके दो निकटतम परिजनों से डीएनए सैंपल लिए जाएंगे. इसके लिए जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के कॉटेज संख्या 4 और 5 में, और जैसलमेर स्थित जवाहर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था की गई है. इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अजमेर और बीकानेर से विशेषज्ञ टीमें जोधपुर बुलाई गई हैं.

डीएनए सैंपलिंग के लिए ब्लड सैंपल लेते हुए तस्वीर.
मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री ने घायलों से मुलाकात की
हादसे की जानकारी मिलते ही, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री देर रात चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यमंत्री केके बिश्नोई और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के साथ विशेष विमान से जैसलमेर से जोधपुर पहुंचे. उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती गंभीर रूप से घायल 15 यात्रियों से मुलाकात की, जिनका बर्न यूनिट में इलाज चल रहा है. दुर्भाग्यपूर्ण यह रहा कि घायलों में से एक ने अस्पताल लाते समय दम तोड़ दिया था.

जैसलमेर में हादसे वाले जगह पहुंचे सीएम भजनलाल शर्मा.
‘स्लीपर कोच में फंसे लोग कूद भी नहीं पाए’
मीडिया से बातचीत करते हुए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा कि आग इतनी भीषण थी कि बस के स्लीपर कोच में फंसे लोग कूद भी नहीं पाए. उन्होंने गंभीर सुरक्षा चूक की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘इस बस में सिर्फ़ एक ही दरवाजा था, जबकि निकासी के लिए कम से कम दो दरवाजे होने चाहिए थे. इसी कारण लोग फंस गए.’ मंत्री ने पुष्टि की कि मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच कराई जाएगी, और नई बस होने के बावजूद “सेफ्टी नॉर्म्स” (सुरक्षा मानकों) के पालन की गहन जांच होगी.

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प्रधानमंत्री ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी जैसलमेर बस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है. PMO इंडिया के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी संदेश में कहा गया, ‘राजस्थान के जैसलमेर में हुए हादसे में लोगों की जान जाने से दुखी हूं. इस मुश्किल समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं. घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं.’ प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है.

बस में ज्वलनशील सामग्री की जांच शुरू
इस वीभत्स घटना के बाद, पुलिस प्रशासन भी हरकत में आया है. पुलिस ने जोधपुर में प्रवेश करने वाली सभी यात्री बसों की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ड्यूटी ऑफिसर रामवतार ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बस चालक ज्वलनशील सामग्री, जैसे कि पटाखे या पेट्रोल-डीजल, जैसी कोई चीज न ले जा रहे हों. साथ ही, बसों के इमरजेंसी गेट की भी जांच की जा रही है, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को दोहराने से रोका जा सके.
‘यह टिप्पणी करने का नहीं.. हिम्मत देने का समय’
शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने भी घायलों और उनके परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह किसी पर टिप्पणी करने का समय नहीं है, बल्कि शोक संतप्त और घायल परिवारों को हिम्मत देने का समय है. भाटी ने भी उन परिवारों से आगे आने की अपील की, जिनके परिजन लापता हैं, ताकि डीएनए सैंपल देकर पहचान की प्रक्रिया पूरी की जा सके.
