चिड़ावा शहर की सबसे पुरानी बस्ती में स्थित है ये बिहारीजी का मंदिर।
वीडियो देखने के लिए तस्वीर में लाल बटन दबाएं
https://youtu.be/q1hcEs-_Lhs
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मंदिर 500 साल से अधिक पुराना है। इस मंदिर में बिहारीजी और ठकुरानी जी की नयनाभिराम मूर्तियां विराजी हैं। वहीं खास बात ये है कि सालासर बालाजी की तरह ही इन मूर्तियों के नीचे भगवान के चरणों में विराजे हैं हनुमान जी। जी हां यहां हनुमान जी की सिन्दूरवदन मूर्ति विराजी है। वहीं मुख्य द्वार से अंदर आते ही बाई तरफ बना है एक और हनुमानजी का मण्ड। खास संयोग ये है कि यहां दक्षिण मुखी हनुमान और पीपल का वृक्ष है। ऐसे में इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं मंदिर में मुख्य गर्भगृह के एक तरफ बना है प्राचीन शिवालय। इस शिवालय की स्थापना भी मंदिर में बिहारीजी के साथ ही हुई। शिव के इस प्राचीन शिवलिंग की आराधना करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां वर्तमान में कैलाश लाटा पूजन का जिम्मा सम्भाले हुए हैं। उनके परिवार की 9वीं पीढ़ी फिलहाल मंदिर सम्भाल रही है। श्रद्धा और विश्वास की ये दर लोगों की भक्ति और आस्था को काफी बलवती करती नजर आती है। आप भी एक बार यहां भगवान की अद्भुत छवि के दर्शन करने जरूर पधारें। अब दीजिए इजाजत…कल फिर मिलेंगे.. एक और शिवालय में….हर हर महादेव