रायसेन की छह साल की मासूम हर रात करवट बदलते ही चीख उठती है। उसे एक साल पहले होली के दिन 25 साल का युवक घर के बाहर से उठाकर ले गया था। दुष्कर्म के बाद बेसुध हालत में उसे जंगल में छोड़ गया था। माता-पिता गरीब थे तो डॉक्टरों ने भी लापरवाही बरती। सिर्फ दर्द निवारक दवा देकर घर भेज दिया। बच्ची दुष्कर्म का दर्द अब तक झेल रही है।
उधर, विदिशा के ग्राम कछवा में आठ दिन पहले 22 साल का बिलाल मूक-बधिर लड़की को मुंह दबाकर अपने घर में ले गया। वह उसके साथ दुष्कर्म करता रहा और उसके परिवार की दो महिलाएं घर के बाहर पहरा देती रहीं। किशोरी के नाना और गांव के सरपंच को भी उन्होंने बाहर से लौटा दिया।
रायसेन- डॉक्टरों ने हर बार दवा देकर घर भेज दिया, अब एम्स में होगी सर्जरी
रायसेन में 29 मार्च 2021 को 6 साल की मासूम घर से पिचकारी भरकर होली खेलने निकली थी। जब दोपहर तक घर नहीं लौटी तो परिवार वाले ढूंढने निकले। काफी देर बाद बेटी जंगल में खून से लथपथ बेहोश मिली। माता-पिता वैसी ही स्थिति में उसे गोद में उठाकर घर ले आए। थोड़ी देर बाद जब बेटी को होश आया तो वो दर्द से चीखने लगी। माता-पिता उसे सांची के अस्पताल ले गए।
वहां से उसे रायसेन के जिला अस्पताल रेफर कर दिया। यहां डॉक्टरों ने पूरी तरह फिट बताकर घर भेज दिया, जबकि उसका प्राइवेट पार्ट बुरी तरह डैमेज था। गरीब माता-पिता उसे लेकर विदिशा, सांची और रायसेन के अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन हर बार डॉक्टरों ने उन्हें दर्द कम करने की दवा देकर लौटा दिया।
यह सिलसिला एक साल तक चलता रहा, लेकिन आराम नहीं मिला। हाल ही में बच्ची की ब्लीडिंग बढ़ गई। मामले की जानकारी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लगी तो आनन-फानन में एम्स भोपाल लाया गया। जहां उसकी सर्जरी की जा रही है। आरोपी राजा सहारिया अभी जेल में है। बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने इस मामले की नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए हैं।