चिड़ावा यानी शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं मुख्यबाजार से स्टेशन की ओर जाने वाले पं. हजारीलाल मार्ग पर बने सत्यनारायण भगवान के मंदिर के शिवालय में।
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इस शिवालय के शिवलिंग को आपरला महादेव के नाम से शिव के भक्त पूजते हैं। इस शिवालय की स्थापना सेठ दानमल सेखसरिया ने अपने पुत्र भैरुबक्स के विवाहोत्सव के दौरान कराई। शिवालय सत्यनारायण भगवान के मंदिर के साथ ही स्थापित किया गया। यहां तुगाराम पुजारी परिवार के वंशज ही पूजा करते आ रहे हैं। तकरीबन 200 साल पहले ही यहां पेयजल के लिए कुएं का निर्माण भी किया गया। कुएं की चार मीनारें और आकर्षक छतरियां प्राचीन स्थापत्य व निर्माण कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। शिवालय में शिवलिंग के पास नन्दी महाराज भी विराजे हैं। वहीं माता पार्वती और गणेश भी विराजमान जी। परमहंस पं. गणेश नारायण बावलिया बाबा और शिव-पार्वती के मनमोहक तैलीय चित्र भी शिवालय की शोभा बढ़ा रहे हैं। शिवालय में श्रावण माह में रुद्राभिषेक सहित विशेष पूजन के कार्यक्रम श्रद्धालुओं द्वारा करवाएं जाते हैं। वहीं मन्दिर के प्रवेश द्वार पर कीर्ति स्तम्भ लगा है और मन्दिर में प्रवेश करते ही बाईं तरफ गणेशजी का छोटा सा मन्दिर बना है। चौक में पीपल का पेड़ और तुलसी माता भी लगाई हुई है। मुख्य मंदिर में प्रवेश करने के बाद अंदर गर्भगृह में भगवान सत्यनारायण और लक्ष्मी माता विराजी हैं।
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भगवान के अन्य विग्रह भी विराजे हैं। वहीं सामने चौक के बिल्कुल बीच में बने मण्ढ़ में हनुमानजी महाराज के विग्रह विराजे हैं। एक बार जरूर यहां श्रद्धा और आस्था के मध्य विश्वास लेकर भक्तिभाव से ईश्वरीय दर्शन करें। ईश्वर आपकी मुरादें जरूर पूरी करेंगे।
अब दीजिए इजाजत…कल फिर मिलेंगे… एक और शिवालय में..हर हर महादेव