मैं अपना गुरु स्वामी रामसुखदासजी महाराज को मानती हूं। उनके वचनों से मैं प्रभावित रही हूं। कथावाचन में महिलाओं की बढ़ती संख्या को मैं अच्छा मानती हूं। यह हमारे युवा वर्ग में संभावित अच्छे बदलाव का संकेत भी है।
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