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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से हाल ही में बढ़ाई गई रेपो रेट के कारण जिलेवासियों पर ब्याज का बोझ बढ़ गया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसका सीधा असर आम कर्जदारों पर पड़ेगा। यानी महंगाई कम करने के लिए बढ़ाई गई रेपो रेट कर्जदारों पर बोझ बन गई। आरबीआई के इस फैसले के बाद, देश के सभी बैंक ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि भी लागू करते हैं तो जिलेवासियों पर औसतन महीने का 29.30 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। यानी सालाना 351.60 करोड़ ज्यादा चुकाने होंगे। कोरोना में देश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए मई 2020 में रेपो रेट कम कर 4% की गई थी। इसके परिणामस्वरूप इन 2 वर्षों में देश में कुल 1146201 करोड़ के लोन की वृद्धि हुई। अब कोरोना के बाद आमजन को महंगाई से निजात दिलाने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव किया है। हर 2 माह में मौद्रिक नीति बनाई जाती है। मौद्रिक नीति में आरबीआई द्वारा देश में पैसे के सर्कुलेशन व लोन के मध्य तालमेल बनाया जाता है तथा महंगाई को नियंत्रित किया जाता है।