Report Times
latestOtherटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशराजनीति

सांसदों को जारी दिशा निर्देशों पर लोकसभा सचिवालय ने स्पष्टीकरण

REPORT TIMES

Advertisement

नई दिल्ली. मॉनसून सत्र से पहले ससद भवन परिसर मे धरना-प्रदर्शन, हड़ताल, उपवास जैसी गतिविधियों को लेकर जारी सर्कुलर ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.हालांकि संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन, हड़ताल, उपवास जैसी गतिविधियों को रोकने संबंधित सांसदों को जारी दिशा-निर्देशों पर लोकसभा सचिवालय ने स्पष्टीकरण दिया है. लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि इस तरह के दिशा-निर्देश और अपील हर सत्र से पहले जारी किए जाते हैं. लिहाज़ा, इसे सामान्य और रूटीन प्रक्रिया के तहत ही देखा जाना चाहिए. लोकसभा सचिवालय का ये स्पष्टीकरण दिशा-निर्देशों को लेकर कांग्रेस के जयराम रमेश सहित विपक्ष के कई नेताओं द्वारा सवाल उठाये जाने के बाद आया है. लोकसभा सचिवालय का कहना है कि ऐसे दिशा-निर्देश बीच सत्र के दौरान भी जारी किए जाते रहे हैं. गौरतलब है कि मॉनसून सत्र से पहले सांसदों को निर्देश दिया गया है कि वे संसद परिसर में धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, उपवास या कोई धार्मिक आयोजन इत्यादि ना करें. इसके साथ ही, लोकसभा स्पीकर से अनुमति लिए बिना किसी भी तरह के लिटरेचर, प्रश्नावली, पैम्फलेट, प्रेस नोट, लीफलेट या प्रिंटेड विषय-वस्तुओं के वितरण और परिसर में किसी भी तरह के प्लेकार्ड लेकर आने पर भी पाबंदी लगाई गई है.

Advertisement

Advertisement

लोकसभा सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि ये तमाम निर्देश पहले भी जारी किए जाते रहे हैं. लिहाज़ा, इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी सांसदों को तय मानकों का पालन करना चाहिए. हालांकि संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन, हड़ताल, उपवास जैसी गतिविधियों को रोकने संबंधित सांसदों को जारी दिशा-निर्देशों पर लोकसभा सचिवालय ने स्पष्टीकरण दिया है. लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि इस तरह के दिशा-निर्देश और अपील हर सत्र से पहले जारी किए जाते हैं. लिहाज़ा, इसे सामान्य और रूटीन प्रक्रिया के तहत ही देखा जाना चाहिए. लोकसभा सचिवालय का ये स्पष्टीकरण दिशा-निर्देशों को लेकर कांग्रेस के जयराम रमेश सहित विपक्ष के कई नेताओं द्वारा सवाल उठाये जाने के बाद आया है. लोकसभा सचिवालय का कहना है कि ऐसे दिशा-निर्देश बीच सत्र के दौरान भी जारी किए जाते रहे हैं. गौरतलब है कि मॉनसून सत्र से पहले सांसदों को निर्देश दिया गया है कि वे संसद परिसर में धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, उपवास या कोई धार्मिक आयोजन इत्यादि ना करें. इसके साथ ही, लोकसभा स्पीकर से अनुमति लिए बिना किसी भी तरह के लिटरेचर, प्रश्नावली, पैम्फलेट, प्रेस नोट, लीफलेट या प्रिंटेड विषय-वस्तुओं के वितरण और परिसर में किसी भी तरह के प्लेकार्ड लेकर आने पर भी पाबंदी लगाई गई है. लोकसभा सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि ये तमाम निर्देश पहले भी जारी किए जाते रहे हैं. लिहाज़ा, इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी सांसदों को तय मानकों का पालन करना चाहिए.

Advertisement

Advertisement
Advertisement

Related posts

कौन हैं मल्लिकार्जुन खड़गे जिसको कांग्रस ने दी है अध्यक्ष की कमान

Report Times

जमीन पर आकाश, गहलोत के गढ़ से आगाज… क्या मायावती के भतीजे BSP में फूंक पाएंगे जान?

Report Times

शिव-राधाकृष्ण का देवालय गिरने के कगार पर…

Report Times

Leave a Comment