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राजस्थान कांग्रेस के दो चर्चिच जाट चेहरा सीएम अशोक गहलोत से नाराज हो गए है। दिव्या मदेरणा के बाद पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत पर सीधा हमला बोला है। हरीश चौधरी ने कहा- मुख्यमंत्री जी आप चाहते क्या है। मामला ओबीसी आरक्षण की विसंगति से जुड़ा है। हरीश चौधरी लंबे समय से ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं। इसलिए लिए पिछले महीने राजधानी जयपुर में बड़ा प्रदर्शन किया था। हरीश चौधरी से पहले कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा लगातार हमला कर रहीं है। कैबिनेट की मीटिंग में ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने से संबंधित ड्राफ्ट पर मुहर नहीं लगने पर हरीश चौधरी ने सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर पूछा- ओबीसी युवा समझ नहीं पा रहे हैं कि सरकार के समक्ष ऐसी क्या मजबूरी रही कि 9 नवंबर को कैबिनेट की मीटिंग मे उसे मंजूरी नहीं मिली। जबकि मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ दोनों ओबीसी वर्ग से आते हैं। राजस्थान की राजनीति में हमेशा से जाट सियासत का बड़ा महत्व रहा है। लेकिन अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के सियासी संघर्ष के चलते जाट राजनीति में सियासी शून्य कायम हो गया। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जाट समाज की नाराजगी भारी पड़ सकती है।
कांग्रेस का परंपरागत वोट रहा है जाट समुदाय
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में है। कुछ चुनावों को छोड़ दिया जाए तो राजस्थान में जाट कांग्रेस पार्टी का परंपरागत वोट बैंक रहा है। दिव्या मदेरणा और हरीश चौधरी पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस के बड़े चेहरे के रूप में स्थापित हो रहे हैं। दिव्या मदेरणा के दादा स्वर्गीय परसराम मदेरणा स्वीकार्य जाट नेता थे, लेकिन उनके निधन के बाद जाट समाज का अब कोई प्रभावी नेतृत्व कांग्रेस में नहीं रहा। अशोक गहलोत-वसुंधरा राजे के दो ध्रुवीय राजनीति में जाटों की सियासत पीछे छूट गई। दिव्या मदेरणा और हरीश चौधरी शून्य को भरने की क्षमता रखते हैं। लेकिन कांग्रेस के दोनों ही विधायक सीएम अशोक गहलोत से नाराज हो गए है। यह नाराजगी विधानसभा 2023 में कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। दिव्या मदेरणा 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के बाद से इशारों में सीएम गहलोत को निशाने पर ले रही है। दिव्या मदेरणा और हरीश चौधरी गहलोत कैंप के माने जाते थे, लेकिन बदले हुए हालात में दोनों ही नेताओं ने सीएम अशोक गहलोत को निशाने पर ले रखा है।
पश्चिमी राजस्थान में दिव्या और हरीश चौधरी का दबदबा
सीएम अशोक गहलोत ने पश्चिमी राजस्थान की जाट सियासत को साधने के लिए बायतू विधायक हरीश चौधरी को अपनी कैबिनेट में शामिल किया। लेकिन पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनने का बाद हरीश चौधरी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हरीश चौधरी सीएम से बेहद नाराज चल रहे हैं। गुरुवार को ट्वीट कर हरीश चौधरी ने सीएम गहलोत पर फायरिंग कर दी। हरीश चौधरी ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। हरीश चौधरी का कहना है कि 2018 में पूर्व सैनिकों के संबंध में जारी गलत सर्कुलर के कारण ओबीसी युवाओं को 21% आरक्षण होने के बावजूद भर्ती में एक भी पद नहीं मिल रहा है। बीजेपी सरकार के गलत आदेश से ओबीसी वर्ग के युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है।ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति की मांग है कि सरकार राज्य में भर्तियों के लिये जारी 2018 के परिपत्र में संशोधन करे और सही रोस्टर बनाया जाए। जिससे ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को राहत मिले सके।