REPORT TIMES
जयपुर: ‘मेरा सपना सीएम बनना नहीं बल्कि जनता का विकास करना है’…राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हाल में अपने टोंक दौरे पर ओवैसी के एक सवाल का जवाब देते हुए मुस्कुरा कर यह जवाब दिया. दरअसल कुछ दिन पहले टोंक के दौरे पर आए ओवैसी ने सचिन पायलट को लेकर मंच से भाषण के दौरान भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि उन्हे नहीं लगता कि सचिन पायलट का सपना कभी पूरा होगा. पायलट के इस बयान के बाद कई तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही है जहां राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर बिगुल बज गया है लेकिन अब सूबे में पिछले महीनों उठ रही नेतृत्व परिवर्तन की मांग शांत होती दिखाई दे रही है और पायलट समर्थकों की खामोशी बता रही है कि सूबे में अब आलाकमान अब इस समय चेहरा बदलने पर कोई विचार नहीं कर रहा है. मालूम हो कि बीते दिनों पायलट खेमे के विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा था कि रायपुर सम्मेलन के बाद राजस्थान के भविष्य पर फैसला हो जाएगा लेकिन उसके बाद भी आलाकमाना की ओर से चुप्पी है ऐसे में पायलट समर्थकों की ओर से अब नेतृत्व परिवर्तन की मांग को जोरशोर से नहीं उठाया जा रहा है.
पायलट ने किया ‘नीली छतरी’ वाले का जिक्र
बता दें कि हाल में टोंक दौरे के दूसरे दिन सचिन पायलट ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप किसी का भला नही कर सकते और बुरा करने की सोचोगे तो नीली छतरी वाला सब देख रहा होता है. दरअसल पायलट जब यह बात बोल रहे थे तब वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में थे ऐसे में पायलट के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि उन्होंने भी खुद को अब चुनावी अभियान में झोंक दिया है और सबकुछ ऊपर वाले पर छोड़ दिया है. जानकारों का कहना है कि पायलट कैंप की इस तरह की चुप्पी के कई मायने निकल सकते हैं जहां एक राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए अब कुछ ही समय बचा है और अब टिकटों के लिए असली खेल शुरू होगा ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन की मांग पर अब कोई फैसला होता नहीं दिखाई दे रहा है. वहीं आलाकमान की ओर से राजस्थान को लेकर हाल फिलहाल में कोई ऐसे संकेत नहीं मिले हैं जिसके बाद पायलट कैंप ने इस मांग पर चुप्पी साध ली है.
नेतृत्व परिवर्तन की नहीं उठ रही मांग
वहीं राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आने से पहले जिस तरह पायलट को लेकर बयानबाजी हो रही थी वह अब देखने को नहीं मिल रही है और पायलट कैंप के विधायक भी अब चेहरा बदलने की बात मुखर तौर पर नहीं कर रहे हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले नेतृत्व परिवर्तन की मांग जोर पकड़ा था जिसके बाद सीएम गहलोत ने एक इंटरव्यू में पायलट को निकम्मा और नाकारा तक कह दिया था जिसके बाद सूबे के सियासी माहौल ने तूल पकड़ लिया था. वहीं इसके बाद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में एंट्री करने से पहले पायलट और गहलोत को एसेट बताया था और आलाकमान की ओर से केसी वेणुगोपाल ने जयपुर में दोनों से मुलाकात की थी. इसके बाद यात्रा के दौरान सूबे में माहौल पूरी तरह से शांत रहा था.
पायलट ने आखिर में किए किसान सम्मेलन
गौरतलब है कि सचिन पायलट ने बीते दिनों 5 जिलों में धुंआधार किसान सम्मेलन आयोजित किए थे जहां करीब हर जनसभा में उन्होंने इशारों में सीएम गहलोत पर जमकर हमला बोला था और पेपर लीक के मुद्दे पर सीधा सीएम पर सवाल खड़ा कर दिया था. वहीं किसान सम्मेलन के दौरान पायलट ने कई जिलों में भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन किया था. हालांकि इसके बावजूद भी आलाकमान की ओर से कोई फैसला नहीं किया गया था.