REPORT TIMES
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गाजियाबाद के धर्मांतरण गिरोह को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. यहां एक पादरी अपनी पत्नी के साथ मिलकर युवाओं को हनीट्रैप में फंसाता था और फिर उन्हें धर्मांतरण के लिए विवश करता था. इस गिरोह ने अब तक 100 से अधिक युवाओं का धर्मांतरण करा दिया है, जबकि दर्जन भर युवाओं का ये लोग जल्द ही धर्मांतरण कराने वाले थे. यह खुलासा पादरी की पत्नी की गिरफ्तारी के बाद उससे हुई पूछताछ में हुआ है. पता चला है कि इस गिरोह में कुछ अन्य महिलाएं भी शामिल हैं.बता दें कि इस गिरोह का खुलासा करीब तीन महीने पहले हुआ था. उस समय गाजियाबाद के मोदी नगर थाने की पुलिस ने पादरी महेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन उस समय उसकी पत्नी सीमा फरार होने में सफल हो गई थी. अब दो दिन पहले गाजियाबाद पुलिस ने सीमा को भी हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया है. एसीपी ज्ञान प्रकाश राय के मुताबिक सीमा मुंबई भागने की फिराक में थी. इसी बीच पुख्ता इनपुट मिलने पर पुलिस ने हापुड़ में दबिश दी और उसे अरेस्ट किया है.पुलिस के मुताबिक पादरी महेंद्र और उसकी पत्नी सीमा के खिलाफ मोदीनगर थाना क्षेत्र के गांव शाहजहांपुर में रहने वाले एक छात्र के घर वालों ने धर्मांतरण की शिकायत दी थी. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया और पादरी महेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. महेंद्र से पूछताछ में पुलिस को काफी जानकारियां मिली थी, पादरी की पत्नी सीमा के फरार होने की वजह से इन सूचनाओं का सत्यापन नहीं हो सका था.
मुंबई भागने की तैयारी में थी सीमा
अब दो दिन पहले पुलिस ने सीमा को भी अरेस्ट कर लिया. पुलिस के मुताबिक सीमा का मायका मुंबई में है और अब वह मुंबई भागने की फिराक में थी. मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पादरी महेंद्र और उसकी पत्नी सीमा ने हापुड़ में बैथहलम गोस्पल ट्रस्ट और इसी नाम से चर्च बनाया है. दोनों को हर महीने लगभग एक लाख रुपये धर्मांतरण के लिए मिल रहे थे. ये लोग जिनका धर्मांतरण कराते थे, उन्हें भी कुछ पैसा दिया जाता था.इसके लिए अलग से रकम मिलती थी. पादरी के बैंक खातों की जांच से पता चला है कि उसे अमेरिका के किसी एकाउंट से अब तक 50 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. पुलिस के मुताबिक 15 साल पहले सीमा की महेंद्र से शादी हुई थी. उस समय दोनों हिन्दू थे, लेकिन करीब आठ साल पहले ये दोनों ईसाई धर्म अपना लिए. एसीपी ज्ञान प्रकाश राय के मुताबिक जांच में पता चला है कि गिरोह में कई अन्य युवतियां भी शामिल हैं.ये लोग पहले युवाओं को प्रेमजाल में फंसाते थे और फिर उनकी फोटो वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हुए इसाई धर्म अपनाने के लिए विवश करते थे. पुलिस के मुताबिक महेंद्र पूर्व में खुद अनुसूचित जाति का था और अब धर्मांतरण के लिए उसका सॉफ्ट टारगेट अनुसूचित जाति के लोग ही थे. महेंद्र ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उसने कई बार बाइबल पढ़ी है. इसके अलावा उसने विदेश जाकर ईसाई धर्म के रीति-रिवाज व तौर-तरीकों को सीखा. इसी दौरान उसने धर्मांतरण की विधि सीखी. इसके बाद उसे पादरी की उपाधि मिली.