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पति-पत्नी ने खुद की जगह 3 को बनाया ‘स्टेफनी टीचर’! 5 साल तक नहीं गए स्कूल, लेते रहे सैलरी

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राजस्थान के बारां जिले के एक सरकारी स्कूल में 3 फर्जी टीचर गिरफ्तार हुए हैं. बारां जिले के राजकीय स्कूल राजपुर के टीचर विष्णु गर्ग और मंजू गर्ग हैं. ये दोनों पति और पत्नी हैं. विष्णु गर्ग के सरकारी स्कूल के प्रिसिंपल भी हैं. ये दोनों पति-पत्नी स्कूल न जाकर अपनी जगह पर फर्जी अध्यापक (स्टेफनी टीचर) को रखे हुए थे. स्कूल में एक पुरुष और 2 फर्जी महिला टीचर रखकर पढ़ाने का काम हो रहा था. पुलिस ने तीनों स्टेफनी टीचर को स्कूल से ही पकड़ा है. बताया गया कि दोनों सरकारी टीचरों ने फर्जी लोगों को स्कूल में पढ़ाने के लिए रखा था. स्थानीय लोगों के माध्यम से पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी. विष्णु गर्ग और मंजू गर्ग ने सरकार व बच्चों के भविष्य के धोखाधड़ी की है. इस जुर्म में दोनों ही सरकारी टीचरों के खिलाफ जांच बैठाई गई है.

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गैरकानूनी तरीके से तीनों को स्कूल में रखा

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पुलिस अधिकारी रामनिवास मीणा ने बताया कि राजपुर के राजकीय स्कूल में फर्जी व अयोग्य टीचर को रख कर पढ़ाने की जानकारी मिली थी. पुलिस ने मामले की जांच करते हुए स्कूल से 3 को हिरासत में लिया है. इसमें पता चला कि विष्णु गर्ग और मंजू गर्ग नाम के दो टीचर जो आपस में पति और पत्नी भी है. दोनों ही गैरकानूनी तरीके से 3 लोगों को स्कूल में रखा हुआ था. यही तीन लोग बच्चों को पढ़ा रहे थे.

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अपनी सैलरी से दिए 15000 हजार रुपये

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इसमें से विष्णु उपाध्याय नाम के युवक ने बताया कि वह स्कूल में लगभग 5 साल से यहां पढ़ा रहा है. साथ ही बताया कि उसके विष्णु गर्ग और मंजू गर्ग के द्वारा महीने के 15000 रुपये दिए जा रहे हैं. इसमें 7000 रुपये उसे दिए जाते हैं. बाकी के 4-4- हजार रुपए दो फर्जी महिला टीचरों को दिए जा रहे हैं.

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मेडिकल लीव पर चल रहे हैं दोनों सरकारी टीचर

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इस घटना के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी दी गई और उन्हें बुलाया गया. जांच में पाया गया कि प्रिंसिपल विष्णु गर्ग और उनकी पत्नी मंजू गर्ग मेडिकल लीव पर चल रहे हैं. स्कूल में जो लोग पढ़ाने का काम कर रहे हैं. उनकी नियुक्ति पूरी तरीके से फर्जी है. वह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में धारा 420, 67, 68,71 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

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