खाटूश्यामजी मंदिर के लिए प्रसिद्ध सीकर का महत्वपूर्ण खाटू कस्बा गुरुवार को पूर्णतया बंद है. व्यापारी संगठनों ने यह फैसला राज्य सरकार द्वारा बनाए गए मास्टर प्लान 2041 को लागू करने के विरोध में लिया है. इसी के तहत आज खाटू कस्बे के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान और निजी शिक्षण संस्थान सहित छोटी-मोटी दुकान पूरी तरह से बंद हैं, जिसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हालांकि खाटू श्याम जी मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खुला हुआ है. मगर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बंद के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
‘तहस-नहस हो जाएगा खाटू कस्बा’
बंद समर्थकों का कहना है कि मास्टर प्लान बंद कमरे में बैठकर बनाया गया है. इसमें खाटूश्यामजी कस्बे के रहने वाले लोगों से कोई राय नहीं ली गई. अगर मास्टर प्लान लागू होता है तो पूरा खाटूश्यामजी कस्बा तहस-नहस हो जाएगा. कस्बे के कई लोगों की तो पूरी की पूरी जमीन इस मास्टर प्लान में चली जाएगी और उनके रहने के लिए 1 इंच की जमीन भी नहीं बचेगी. ऐसे में उनका जीना दुबर हो जाएगा. इस मास्टर प्लान से खाटूश्यामजी कस्बे में रहने वाले लोगों को भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ेगा.
‘प्लान को निरस्त कर पुनर्विचार करें’
बंद समर्थकों की मांग है कि इस मास्टर प्लान को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए और ग्रामीण व खाटू कस्बे के लोगों के साथ बैठकर इस मास्टर प्लान पर पुनर्विचार किया जाए. जब तक इस मास्टर प्लान को रद्द नहीं किया जाएगा, तब तक लोगों का विरोध प्रदर्शन भी जारी रहेगा. खाटूश्यामजी कस्बे के व्यापारियों और ग्रामीण के बंद और प्रदर्शन को देखते हुए खाटू श्याम जी कस्बे में भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है. वहीं खाटू श्याम के दर्शन करने कस्बे में पहुंचे श्रद्धालु बाजार बंद होने के कारण परेशान नजर आ रहे हैं. उन्हें खाने-पीने का सामान भी नहीं मिल पा रहा है. हालांकि इमरजेंसी से जुड़ी सुविधाओं को बंद से दूर रखा गया है.
बजट से मिली थी 100 करोड़ की राशि
10 जुलाई को राजस्थान की भजनलाल सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने 100 करोड़ रुपये की रााशि से खाटूश्यामजी कॉरिडोर विकसित करने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि इसके साथ ही धार्मिक एवं पर्यटन स्थल जीणमाता और शाकंभरी मंदिर में विकास कार्य करवाए जाएंगे. उन्होंने बताया था कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर खाटू श्याम कॉरिडोर बनाया जाएगा. सरकार की ओर से सड़कों की चौड़ाई, आमजन को सुविधाएं, चौराहे का निर्माण, पार्क निर्माण और सौंदर्यकरण समेत विकास कार्य करवाने की योजना बनाई गई है. हालांकि इस काम में वहां रह रहे बहुत लोगों को परेशानी होगी, और कुछ को तो अपनी जमीन भी छोड़नी पड़ेगी. इसी के चलते स्थानीय लोग प्लान का विरोध कर रहे हैं.