Report Times
latestOtherpoliticsटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशराजस्थानसोशल-वायरल

“सौर ऊर्जा प्लांटों के नाम पर हो रहा है अन्याय” शिव MLA भाटी बोले- सरकार तुरंत करे हस्तक्षेप

रिपोर्ट टाइम्स।

राजस्थान की भूमि पर नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार की आड़ में हो रहे पर्यावरणीय और किसानों के ख़िलाफ़ हो रहे अन्याय के खिलाफ शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को कठघरे में खड़ा किया। विशेष उल्लेख के तहत अपनी बात रखते हुए उन्होंने सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों के नकारात्मक प्रभावों पर सदन में विस्तृत चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया।

भाटी ने ‘राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024’ के लिए राज्य सरकार को बधाई देते हुए कहा कि यह नीति जलवायु परिवर्तन को कम करने और आर्थिक विकास में सहायक हो सकती है लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नवीकरणीय ऊर्जा का विकास सतत विकास और न्यायपूर्ण संक्रमण के सिद्धांतों का पालन करते हुए होना चाहिए। विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान, जो पहले से ही अविकसित क्षेत्र है और जहां शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, वहां अनियंत्रित रूप से लगाए जा रहे सौर ऊर्जा संयंत्र स्थानीय लोगों के जीवन और आजीविका को तबाह कर रहे हैं।

ओरण-गोचर भूमि…पर्यावरण पर गंभीर खतरा

भाटी ने सदन में सरकार को यह भी याद दिलाया कि सौर ऊर्जा संयंत्रों ने पारंपरिक, धार्मिक और पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील ओरण और गोचर भूमि पर अतिक्रमण कर दिया है—वह भूमि जिसे स्थानीय समुदायों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर संरक्षित किया था। इन परियोजनाओं के कारण न केवल पारिस्थितिकी संकट गहराता जा रहा है, बल्कि पशुपालन पर निर्भर हजारों परिवारों की आजीविका भी छिन रही है।उन्होंने चिंता व्यक्त की कि निजी कंपनियां इन क्षेत्रों में बेतहाशा पेड़ काट रही हैं, जिससे न केवल पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, बल्कि वहां की सांस्कृतिक विरासत भी नष्ट हो रही है। इतना ही नहीं, हाई-टेंशन लाइनों के कारण जैव विविधता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों और युवाओं के साथ अन्याय

शिव विधायक ने सदन में यह भी उजागर किया कि कई किसानों को अत्यधिक असमान शर्तों पर अपनी भूमि सौर कंपनियों को पट्टे पर देने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं, इन परियोजनाओं के नाम पर जो विकास का सपना दिखाया गया था, वह भी अधूरा रह गया है, क्योंकि स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के बजाय बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है।

सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग

भाटी ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए आग्रह किया कि सौर ऊर्जा संयंत्रों के प्रभावों पर विधानसभा में गहन चर्चा हो और एक समग्र नीति तैयार की जाए। इस नीति में स्थानीय समुदायों की आजीविका, किसानों के भूमि अधिकारों और ओरण-गोचर भूमि के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि स्वच्छ ऊर्जा के नाम पर हो रहे इस अन्याय को रोका जा सके। आख़िर में रविन्द्र सिंह भाटी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि राज्य सरकार उनकी बात को गंभीरता से लेगी और एक संतुलित, न्यायसंगत और सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाएगी।

Related posts

यूके के पीएम ने ऋषि सूनक के दावेदार, लिज़ ट्रस को पहली बार में ग्रिल किया

Report Times

रक्तदान शिविर का आयोजन : 51 यूनिट रक्त संग्रहित

Report Times

शुरू होगी जयपुर से शालीमार के लिए एक स्पेशल ट्रेन:29 मई को आगरा, प्रयागराज, धनबाद के रूट से होकर शालीमार पहुंचेगी

Report Times

Leave a Comment