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पहलगाम आतंकी हमला: 7 प्वॉइंट्स में समझें PAK को सबक सिखाने का यही सबसे सही मौका क्यों है?

REPORT TIMES: पहलगाम के बाद पाकिस्तान में क्या होने वाला है? दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक इसकी चर्चा हो रही है. इन चर्चाओं के इतर 7 ऐसे भी फैक्ट्स हैं, जो इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का यही सबसे बेहतरीन मौका है.

दरअसल, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जिस आतंकी संगठन ने पर्यटकों पर हमला किया है, उसका सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से है. ऐसे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भारत सीमापार आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए कोई एक्शन ले सकता है.

यही मौका सबसे बेहतरीन क्यों, 7 फैक्ट्स

1. पाकिस्तान में नाम के लिए तो शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं, लेकिन उनके कंट्रोल में कुछ नहीं है. गठबंधन की वजह से एक तरफ जहां बिलावल भुट्टो की पार्टी लगातार सरकार को बैकफुट पर धकेल रही है. वहीं आईएमएफ के निर्देश की वजह से शहबाज अपने मनपंसद के अधिकारियों को भी तैनात नहीं कर पा रहे हैं.

आईएमएफ ने सख्त निर्देश जारी कर पाकिस्तान सरकार के उन हकों को भी छीन लिया है, जो प्रशासनिक है. कर्ज लेने की वजह से शहबाज आईएमएफ के निर्दशों को दरकिनार भी नहीं कर सकते हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो शहबाज के शासन में व्यवस्था ही नहीं है.

2. पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों में घिरा है. खैबर-पख्तूनवाह में तहरीक-ए-तालिबान लगातार तांडव मचा रहा है. टीटीपी को तालिबान से शह मिला हुआ है. तालिबान अभी अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज है. पाकिस्तान के दावे के मुताबिक टीटीपी को अमेरिकी हथियार मिल रहे हैं, जिससे वो पाकिस्तान की सेना को दिन-दहाड़े मार दे रही है.

बलूचिस्तान अलग से बवाल मचा हुआ है. बलूच लड़ाके लगातार पाकिस्तानी सेना पर हमलावर है. बलूच और खैबर-पख्तूनवाह के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी आंतरिक संघर्ष है. इमरान खान की पार्टी लगातार सरकार और सेना को चुनौती दे रही है. पूर्व पीएम इमरान खान सेना से अदावत की वजह से आदियाला जेल में बंद हैं.

3. पाकिस्तान की सेना पर जनता को विश्वास नहीं है. सेना के खिलाफ 2022 में लाखों लोगों ने मोर्चा खोल दिया था. 1 लाख से ज्यादा लोगों पर तो मुकदमा दर्ज है. शक्ति के बूते पाकिस्तान की सेना सत्ता में काबिज है, लेकिन उसे लोगों का विश्वास हासिल नहीं है. 2024 में एक चुनावी सर्व के दौरान पाकिस्तान के 26 प्रतिशत लोगों ने सीधे तौर पर कहा कि पाकिस्तान की सेना पर जनता का विश्वास नहीं है.

4. पाकिस्तान को हथियार और अन्य रक्षा सामाग्री चीन और अमेरिका से मिलता रहा है. वर्तमान में दोनों देश एक दूसरे से लड़-भिड़ रहा है. अमेरिका ने सीधे तौर पर कह दिया है कि वो किसी भी देश की मदद नहीं करेगा. चीन अमेरिका के साथ-साथ ताइवान, जापान और फिलिपींस से भी परेशान है.

ऐसे में इस बात की संभावनाएं बिल्कुल भी नहीं है कि जंग में ये देश पाकिस्तान को सीधे तौर पर समर्थन करेंगे. चीन के विदेश मंत्रालय ने तो कश्मीर की घटना को दुखद भी बताया है.

5. अमेरिकी टैरिफ की वजह से दुनिया के कई देशों के बाजार की स्थिति ठीक नहीं है. पाकिस्तान भी इस फेहरिस्त में शामिल है. बाजार गिरने की वजह से पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है. दूसरी तरफ भारत में हालात सामान्य है. भारत अगर हमला करता भी है तो उसे ज्यादा नुकसान नहीं होने वाला है.

हमला होने की स्थिति में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है. महंगाई बुलेट की रफ्तार से आगे बढ़ेगी. पहले से ही अरबों के कर्ज में डूबे पाकिस्तान पर हमला होने की स्थिति में सिचुएशन अंडरकंट्रोल हो सकता है.

6. दुनिया के सभी बड़े देश वर्तमान में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर युद्ध में शामिल है. ऐसे में कोई भी देश पाकिस्तान को समर्थन नहीं कर सकता है. यानी पाकिस्तान अगर भारत के खिलाफ जवाबी हमला करना चाहे तो उसे सीधी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा.

सैनिक और हथियार के मामले में भारत पाकिस्तान से काफी आगे है. ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के जीतने की गुंजाइश काफी कम है. 1971 में पाकिस्तान जब भारत से मात खाया था, तो उसे बांग्लादेश पर से कब्जा छोड़ना पड़ा था.

7. पाकिस्तान को पहले अफगानिस्तान से भी मदद मिलता था. अफगान के लड़ाके पाकिस्तान के लिए लड़ते थे, लेकिन हाल ही में दोनों के बीच रिश्ते काफी खराब हो गए हैं. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के शरणार्थियों को बेइज्जत कर भगाया है. ऐसे में इस बार पाकिस्तान को शायद ही अफगानिस्तान की मदद मिले.

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