धर्म गुरूओं के लिए जाएंगे सुझाव
झुंझुनू। राज्य सरकार के आदेशों के बाद वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए जन सुरक्षा की दृष्टि से यह अति आवष्यक है कि धार्मिक स्थलों को सावधानीपूर्वक खोला जाये। जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य के समस्त जिलों के विभिन्न धार्मिक नेताओं, गुरूओं आदि से हुई विडियो कॉन्फ्रेंस में प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए उपखण्ड स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। जिला कलेक्टर ने बताया कि कमेटी में उपखण्ड अधिकारी को अध्यक्ष, उपाधीक्षक पुलिस वृत एवं ब्लाक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सदस्य नियुक्त किया गया है। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में प्रत्येक धर्म के गुरू, प्रमुख धार्मिक स्थलों के ट्रस्ट के अध्यक्ष अथवा मुख्य प्राधिकारी आदि को उनके सुझावों के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
जिला कलेक्टर ने उखण्ड स्तर पर गठित समिति समस्त धर्म के गुरू, प्रमुख धार्मिक स्थलों के ट्रस्ट के अध्यक्ष अथवा मुख्य प्राधिकारियों आदि से उनके सुझाव मांगे है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक धर्म के धार्मिक स्थलों में उस धर्म के रीति-रिवाज एवं कोविड-19 से बचाव के लिए अनिवार्य सुरक्षात्मक उपायांे को ध्यान में रखते हुए जनता के लिए क्या-क्या और किस प्रकार से गतिविधियां, पूजा-अर्चना, इबादत एवं जियारत आदि अनुमत की जाये। इस बाबत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के प्रसार को रोकने हेतु जारी मानक संचालन प्रक्रिया को ध्यान में रखा जाय। जिले में स्थित समस्त ऐसे धार्मिक स्थल, जहां भारी संख्या में स्थानीय/जिले के व अन्य जिलों/राज्यों से आगमन होता है, की सूची तैयार करेगें। उक्त समस्त सूचिबद्व धार्मिक स्थालों में प्रबंधकीय व्यवस्था तैयार करना एवं उस व्यवस्था के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित करना, जिससे धार्मिक स्थल के भीतर संबंधित ट्रस्ट आदि एवं उसके बाहर प्रषासन/पुलिस आदि की भूमिका सम्मिलित हो। इस प्रबंधकीय व्यवस्था में उस धार्मिक स्थल के परिसर में एवं उसके बाहर समस्त गतिविधियां भी सम्मिलित हों, जो उस धार्मिक स्थल से संबंधित है, जैसे कि विभिन्न प्रकार की दुकानें, तीर्थयात्री/जायरीन आदि के विश्राम स्थल आदि। शेष धार्मिक स्थलों को किस प्रकार खोला जाये एवं क्या व्यवस्था की जावें, के संबंध में कार्य योजना।
उक्त उपखण्ड स्तरीय समिति समस्त धर्म के गुरू, प्रमुख धार्मिक स्थलों के ट्रस्ट के अध्यक्ष अथवा मुख्य प्राधिकारी आदि से विचार-विमर्ष कर अपनी रिपोर्ट 12 जून तक कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करें ताकि जिला स्तरीय कमेटी में प्रत्येक धार्मिक स्थल पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर व्यापक विचार विमर्ष करके रणनीति तैयार कर व्यापक प्रस्ताव राज्य सरकार को निर्णय हेतु भिजवाया जा सकें।