Report Times
Otherचिड़ावाझुंझुनूंटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशधर्म-कर्मप्रदेशराजस्थानलेखस्पेशल

चिड़ावा: इस मंदिर में हैं मूछों वाले राम-लक्ष्मण

चिड़ावा। अयोध्या में राम जन्मभूमि में भूमि पूजन के साथ मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक क्षण पर हम भी एक ऐतिहासिक राम मंदिर के इतिहास पर नजर डालते है।

Advertisement

https://youtu.be/ixRyykp46sI

Advertisement

चिड़ावा शहर के गांधीचौक में स्थित है ये राम मंदिर, जिसे यहां के।महंत रहे गौलोकवासी केवलदास बाबा के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का पुख्ता इतिहास तो किसी को नहीं पता लेकिन वर्तमान महंत जयराम स्वामी बताते हैं कि पूर्व महंतों के बताए अनुसार सबसे पहले यहां तकरीबन 250 साल से भी अधिक समय पहले यहां डालमिया परिवार ने मंदिर परिसर में सभा मंडप और तिबारा निर्माण कर भगवान राम,जानकी और लक्ष्मण जी के साथ ही हनुमानजी के विग्रह स्थापित किए। लेकिन उस समय भी यहां शिवालय स्थापित था। शिवालय उससे भी काफी पहले संत-महात्माओं ने तप करने के दौरान यहां स्थापित किया बताते हैं।

Advertisement

मूंछों वाले राम-लक्ष्मण की नयनाभिराम छवि-

Advertisement

मंदिर परिसर में सबसे अद्भुत और आश्चर्यजनक नजारा सभा मंडप में विराजे राम-लक्ष्मण की मूर्तियों में दिखता है। यहां भगवान राम और लक्ष्मण के मूछें हैं। मूंछों में भगवान का स्वरूप काफी अद्भुत और मनोरम लगता है। हालांकि मूर्तियों के मूंछों के पीछे क्या कहानी रही है, इसकी कोई जानकारी नहीं लगी है। लेकिन इसके पीछे कुछ वजह रही होगी।

Advertisement

यहां विराजे हैं दक्षिण मुखी हनुमान-

Advertisement

वहीं इस मंदिर की सबसे विशेष बात ये है कि भगवान के सभामण्डप में बिल्कुल सामने मंदिर के चौक के मध्य में मंडप में हनुमानजी महाराज की तीन मूर्तियां विराजित हैं। खास बात ये है कि यहां हनुमान जी का मुख दक्षिण दिशा में राम दरबार की ओर है। ऐसे में दक्षिण मुखी हनुमान के पूजन का विशेष महत्व के चलते राम और राम भक्त हनुमान के दर्शनों को बड़ी संख्या श्रद्धालु प्रतिदिन यहां आते हैं।

Advertisement

संतों ने स्थापित किया शिवालय-

Advertisement

मंदिर से भी पुराने शिवालय की स्थापना महायोगी तपस्वियों द्वारा मंदिर से भी सैकड़ों वर्षों पहले हुई बताई जाती है। शिवालय का कई बार जीर्णोद्धार हो चुका है। यहां चतुर्मुखी शिवलिंग स्थापित है। शिव परिवार भी इनके साथ विराजमान है। शिवालय में बावलिया बाबा और महाकाल की तस्वीरें भी लगाई हुई है। शिव परिवार की नयनाभिराम तस्वीर भी मन मोहने वाली है।

Advertisement

संत ने कराया था धर्मशाला का निर्माण-
इस मंदिर में सैकड़ों साल पहले केवल सभामण्डप, तिबारा और शिवालय ही स्थापित था। फिर यहां महंत हरिदास जी ने यहां का कायाकल्प किया। उन्होंने इस पूरे परिसर की चार दिवारी करवाई। उन्होंने यहां धर्मशाला का निर्माण भी करवाया। इसके बाद ये मंदिर खूब ख्यात हुआ। धर्मशाला को आज भी हरिदास सेवा सदन के नाम से जाना जाता है। विवाह व अन्य मांगलिक आयोजनों में ये धर्मशाला क्षेत्र के लोगों के खूब काम आती हैं।

Advertisement

मंदिर का हुआ पुनर्निर्माण-
मंदिर प्राचीन समय में काफी अद्भुत था। लेकिन कालांतर में ये जीर्णशीर्ण हो गया। इसके बाद 1995 में बालकृष्ण अडूकिया ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। मंदिर में स्थापत्य कला का नजारा देखने को मिलता है। यहां सभा मंडप और मंदिर के चौक से अंदर आने वाले द्वार की छटा निराली है। भगवान के सभा मंडप में गर्भगृह के एक तरफ हनुमान जी और दूसरी तरफ राम दरबार की मनमोहक तस्वीर नीलकंठ पुजारी द्वारा बनाई गई है।

Advertisement

प्राचीन छतरी है आकर्षण का केंद्र-

Advertisement

मंदिर में मुख्य प्रवेश द्वार में अंदर आते ही बांयी तरफ ऊपर बनी है एक अद्भुत छतरी भी आकर्षण का केंद्र है। यहां छतरी पर काफी सुंदर चित्रकारी की हुई है। ये छतरी सैकड़ों साल पहले यहां महंत रहे किसी संत की समाधि के ऊपर बनवाई हुई है। छतरी में छह खंभे हैं।

Advertisement

100 साल पुराना पीपल पर्यावरण प्रेम का प्रतीक-

Advertisement

मंदिर में मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही है बड़ा चौक। इस चौक में एक विशाल पीपल का वृक्ष लगा है। ये पीपल का वृक्ष भी सैकड़ों साल पुराना है और संतों के पर्यावरण प्रेम को भी ये दर्शाता है। धार्मिक स्थलों पर पीपल, बड़ आदि पेड़ होना काफी शुभ माना जाता है। वहीं तुलसी माता के पौधे भी यहां लहलहा रहे हैं।

Advertisement

आस्था, श्रद्धा, भक्ति और विश्वास के महासंगम इस धर्म स्थल पर एक बार अवश्य पधारें। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि दिल से मांगी गई मुराद यहां अवश्य पूरी होगी।

Advertisement

अब दीजिए इजाजत..कल फिर मिलेंगे… एक और देवालय में…,हर हर महादेव

Advertisement
Advertisement

Related posts

चीखती रही, नोंचता रहा शरीर… ड्राइवर ने चलती बस में लड़की से किया रेप; यात्रियों को नहीं लगी भनक

Report Times

कर्नाटक: ड्यूटी पर पुलिस कांस्टेबल को सोते-सोते आया हार्ट अटैक, हो गई मौत

Report Times

धमाकों के बीच हैं हम, कैसे ढूंढे सुरक्षित जगह यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स का छलका दर्द

Report Times

Leave a Comment