शिवनगरी के नाम से प्रसिद्ध चिड़ावा में गणपति के भी मंदिर हैं। आज गणेश चतुर्थी है और इस पावन मौके पर हम आपको कराने जा रहे हैं शहर के गणेश मंदिरों के दर्शन और बताएंगे मंदिर के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
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https://youtu.be/AqiAV4nC5Ic
शुरुआत करते हैं शहर के एंट्री पॉइंट गोगाजी की ढाणी से। यहां बना हैं रिद्धि-सिद्धि गणेश मंदिर। इस मंदिर की स्थापना कुछ वर्ष पहले ही हुई है। मंदिर जिस स्थान पर बना है वह एक तपोस्थली रही है। यहां गणपति रिद्धि-सिद्धि के साथ विराजे हैं। पास में ही संत का पुण्यस्थल भी है। जिसकी भी लोग पूजा करते हैं। अब आपको लेकर चलते हैं कॉलेज रोड पर पोद्दार पार्क के सनातन आश्रम स्थित गणेश मंदिर में। यहां बड़ा ही अद्भुत दृश्य आपको दिखेगा। यहां भगवान गणेश अपनी दो पत्नियों रिद्धि-सिद्धि के साथ ही पुत्रों शुभ और लाभ के साथ विराजित हैं। देश में बहुत कम मंदिर हैं जहां शुभ-लाभ भी हैं। ऐसे में पूरा गणेश परिवार आपको यहां दर्शन देता है। अब चलते हैं कबूतरखाना बस स्टैंड पर सरकारी अस्पताल के सामने पेट्रोल पंप के पास बने चमत्कारी बालाजी मंदिर में बने गणेश मंदिर में। चिड़ावा की सबसे बड़ी गणेशजी की मूर्ति यहां विराजित है। तकरीबन 6 फुट की मूर्ति के गले मे सर्प देवता भी विराजे हुए हैं। ये मूर्ति अद्भुत है और लोगों की आस्था का केंद्र है। अब आपको दर्शन करा रहे हैं शहर के सबसे पुराने गणेश मंदिर के। आप देख सकते हैं यहां श्रद्धालुओं को देखकर ही आपको इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था का अनुमान लग गया होगा। यह मंदिर करीब 49 साल पहले बनाया गया । इस मंदिर के ऊपर एक तरफ केवट प्रसंग को चित्रित करती नाव में श्रीराम,सीता, लक्ष्मण और केवट की मूर्तियां तथा दूसरी तरफ भगवान नारायण और लक्ष्मी की शेष शैय्या पर विराजित मूर्ति लगाई गई है। मंदिर में गणेश रिद्धि-सिद्धि के साथ विराजे हैं। यहां एक प्राचीन पीपल का पेड़ भी है। मंदिर में कॉरोना काल के चलते सोशियल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखते हुए एक-एक कर दूरी बनाते हुए दर्शन कराए गए। वहीं बाहर मोदक प्रसाद की दुकानें भी सजी। लेकिन कॉरोना के कारण इस बार बहुत कम श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे।