शिवनगरी यानी चिड़ावा के शिवालयों को श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं अरड़ावतिया कॉलोनी स्थित राणीसती मंदिर के पीछे बनी कोटवाल बगीची में।
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तकरीबन 250 साल पुरानी इस बगीची में संगमरमर का शिवलिंग स्थापित है। वहीं पास में नन्दी महाराज बिराजे हैं वहीं शिवालय में माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय भी विराजित हैं। बगीची में दक्षिण दिशा में एक मंदिर में हनुमानजी महाराज की तीन मूर्तियां एक साथ विराजी है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। बगीची में विभिन्न फूल-फलों के पेड़-पौधों के अलावा शिव को प्रिय सफेद आक और बिल्व पत्र के पेड़-पौधे भी लगे हैं। यहां सबसे अद्भुत दृश्य 2 पेड़ों के मिलन का है। यहां नीम और शमी वृक्ष एक-दूसरे में मिले हुए हैं। पीपल भी बीच में अंकुरित हुआ था। ऐसे में पेड़ों की त्रिवेणी इसे कहा जाए तो उचित होगा। बगीची में गौमाता भी बंधी हुई है। बगीची में बृज लाल कोटवाल, मोहनलाल कोटवाल के बाद फिलहाल रमाकांत-सौरभ कोटवाल पूजा-अर्चना का जिम्मा सम्भाले हुए हैं। भक्ति की इस दर पर चले आइए एक बार…विश्वास और आस्था यहां अवश्य फलीभूत होगी…अब दीजिए इजाजत..कल फिर मिलेंगे.. एक और शिवालय में…हर हर महादेव