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सूरजगढ़। शहर के अनाज मंडी स्थित मित्तल भवन में चल रही श्री मद्भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य पंडित मुकेश पुजारी ने भक्त ध्रुव की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान को एकत्व भाव से भक्ति कर प्राप्त किया जा सकता है। ध्रुव ने बाल्यावस्था में भगवान को सच्चे मन से ध्याया और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने उनको दर्शन दिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में चौरासी लाख प्रकार की योनियां हैं। जीव इनमें भटकता फिरता है।
इससे मुक्ति का एक मात्र मार्ग ईश्वर का चिंतन और मनन ही है। जिसके माध्यम से ईश्वर से साक्षात्कार होगा और मुक्ति होगी। कथा के प्रारंभ में आचार्य पंडित नरेश चौमाल के आचार्यत्व में विद्वान पंडितों ने यजमान मुरारीलाल मित्तल को भागवत ग्रंथ, कथा व्यास का करवाया।
इस मौके पर संतोष, कैलाश, पवन, महेश मित्तल, रोबिन, राहुल, तरुण, हितेश, नितेश सहित काफी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा के दौरान भगवान शिव, विष्णु भगवान और ध्रुव की मनमोहक झांकियां सजाई गई। जिसने सभी का मन मोह लिया।
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