नगरपालिका चिड़ावा में पिछले 6 माह से सभी तरह के विकास कार्य ठप पड़े है। यहां तक कि वार्डों में छोटी-छोटी नालियों एंव क्रॉस नहीं बन पाने के कारण जल-भराव की समस्या गहराती जा रही है। इस पर चिड़ावा के निवर्तमान पार्षदों और नागरिकों ने मुख्यमंत्री, स्वायत शासन मंत्री और जिला कलेक्टर को ज्ञापन भेजकर अपना रोष जताया। निवर्तमान पार्षद अनिल शर्मा, सुरेश जलिंद्रा, सुरेंद्र, राजेश नातवाल, कैलाश तामड़ायत, योगेद्र तामड़ायत, विश्वनाथ शर्मा आदि के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में लिखा है कि नगरपालिका ने 7 मार्च को विभिन्न वार्डों के लिए करीब 41 विकास कार्यों के टेंडर जारी किए थे, जो 18 मार्च को खोले जाने थे। लेकिन 18 मार्च को सहायक अभियंता अनिल कुमार चिड़ावा नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभालते ही सबसे पहले उक्त टेंडरो को निरस्त कर दिया। सभी ने ईओ पर भी आरोप लगाए हैं कि वार्ड सदस्यों द्वारा बार-बार निवेदन करने पर भी मंडल द्वारा स्वीकृत विकास कार्यों के टेंडर ईओ ने दोबारा आंमत्रित नहीं किए। इस पर तत्कालीन अध्यक्ष मधु शर्मा ने पत्र लिखकर कार्यवाहक ईओ को निर्देश दिए कि नियम विरूद्ध निरस्त किए गए टेंडर तुरंत प्रभाव से फिर से जारी करे। ईओ द्वारा अध्यक्ष के आदेश की अवहेलना किए जाने पर स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को इस बारे में सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए उक्त टेंडरों को दोबारा शुरू करने का ईओ को आदेश दिया था। इतना ही नहीं वार्ड नं.1 स्थित भूतनाथ मंदिर में पार्क विकसित करने, जर्जर हालत में पड़ी मुख्य गऊशाला रोड सहित बावलिया बाबा रोड, पुरानी तहसील रोड पर शौचालय निर्माण करने व शहर के श्मशान घाट में विकास संबंधी कार्य प्रस्ताव मंडल बैठको में सर्वसम्मति से पारित हो चुके थे। जिन्हें शुरू करने के लिए आमजन पार्षदों व अध्यक्ष ने अधिशाषी अभियंता को अनेक बार पत्र लिखे हैं। लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण पिछले 5 महीने से किसी भी तरह का विकास कार्य शुरू नहीं किया है।
पूर्व पार्षदों ने की नगरपालिका के निरस्त टेंडर्स फिर से जारी करने की मांग
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