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चिड़ावा। शिवनगरी के रूप में ख्यात चिड़ावा में श्रावण महीने में शिव के प्रति आस्था देखते ही बनती है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर दूर से कावड़ लाकर समर्पित करते हैं। लेकिन शिव का एक बिरला भक्त भी है जो पिछले 43 सालों से भगवान शिव को अलग अलग जगहों से कावड़ लाकर समर्पित कर रहा है। जी हां चिड़ावा शहर की गोशाला रोड पर रहने वाले प्रमोद शर्मा को शिवभक्त के नाम से भी जाना जाता है। प्रमोद शर्मा ने अपना पूरा जीवन शिवभक्ति को ही समर्पित कर दिया है। सावन मास में कावड लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करना जैसे इनके जीवन का ध्येय बन गया है। इस बार भी ये कावड लेकर बाबा भोलेनाथ के दरबार में पहुंचे है और मंत्रोच्चार के साथ भोलेनाथ को कावड़ समर्पित की है। लोहार्गल के पवित्र जल से भोलेनाथ का मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक किया । गोशाला रोड स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में कावड़ को भगवान शिव को अर्पित की है।
चिकित्सा लेखा सेवा से रिटायर्ड हैं प्रमोद
अब आपको प्रमोद शर्मा के जीवन के बारे में बताते है। प्रमोद शर्मा चिकित्सा लेखा सेवा से रिटायर्ड हैं। प्रमोद शर्मा की भगवान की प्रति आस्था हमेशा से ही रही है। चाहे वो भगवान पर भजन लिखना हो या फिर कावड़ लाना हो। उनका कहना है कि वे बचपन में अपनी मां से शिव के भजन सुनते थे। वहीं से उनके मन में भगवान शिव के प्रति असीम आस्था जागृत हुई।
चार बार गंगोत्री और 16 बार हरिद्वार से का चुके कावड़
भोलेनाथ के प्रति अगाथ श्रद्धा का प्रमाण इससे ही मिलता है कि प्रमोद शर्मा अभी तक चार बार गंगोत्री से और 16 बार हरिद्वार से कावड़ लेकर आ चुके है। लोहार्गल से अगर कावड़ लाने की बात करे तो उसकी तो कोई गिनती ही नहीं है। प्रमोद शर्मा शिव भगवान के प्रति कितने आस्थावान है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने श्रावण माह में पूर्व में हर सोमवार को भी लोहार्गल से कावड लेकर आकर बाबा भोलेनाथ को अर्पण की है।
विश्व कल्याण की कामना
करीब 43 साल से भोलनाथ की भक्ति में लीन प्रमोद शर्मा का कावड़ चढ़ाने का कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं रहा है। वे हर बार कावड़ चढ़कर केवल विश्व शांति और जन कल्याण की कामना ही करते हैं। उन्होंने बताया कि शिव के दरबार में आने के बाद खुद को शिव को समर्पित कर देते हैं। ऐसे में खुद के लिए कुछ मांगने को बचता ही नहीं। वे बस सब की खुशी चाहते हैं।
युवा पीढ़ी को कावड़ लाते देख मन होता है प्रसन्न
प्रमोद का कहना है कि ईश्वर के प्रति सभी को अस्थावान होना चाहिए। आजकल श्रावण माह में युवाओं को कावड़ लाते देख मन अत्यधिक प्रसन्न होता है। धर्म और ईश्वर के प्रति सभी युवाओं को आस्था रखनी चाहिए तभी विश्व कल्याण होगा।
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