चिड़ावा यानी शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं पुरानी बस्ती में चीनी गोदाम के पास बने श्री देवी मंदिर में।
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https://youtu.be/0i-OL_x5RAU
मंदिर का बहुत ही आकर्षक बड़ा प्रवेश द्वार है। इससे अंदर जाते ही मन्दिर तक पहुंचने के दौरान ऊपर और दोनों तरफ पौधों से सुंदर सजावट की गई है। कुछ सीढियां चढ़कर मन्दिर में पहुंचने पर सामने बने गर्भ गृह में विराजी हैं देवी मां। मन्दिर पुजारी पं. महेंद्र चौमाल ने बताया कि तकरीबन 130 साल पहले मंझाऊ गांव में दो मूर्तियां जमीन से निकली। इनमें से वैद्य बैजनाथ शर्मा एक मूर्ति चिड़ावा ले आए और यहां इस देवी की मूर्ति को विराजित कराया। उसके साथ ही यहां उन्होंने शिवालय की स्थापना कराई। देवी के गर्भगृह के बिल्कुल बाईं साइड में शिवालय स्थापित है। इसमें शिवलिंग के अलावा पार्वती, गणेश और कार्तिकेय व नन्दी विराजित हैं। बिल्कुल पीछे पूरे शिवपरिवार की एक बड़ी तस्वीर यहां लगी है। वहीं दूसरी तरफ देवी के गर्भगृह के दाएं तरफ हनुमानजी महाराज विराजित हैं। हनुमानजी के पीछे श्रीराम दरबार की सुंदर तस्वीर लगी है। उनके बिल्कुल निकट विराजे हैं बावलिया बाबा। बाबा की मूर्ति 5-6साल पहले यहां स्थापित की गई। वहीं बावलिया बाबा के बिल्कुल सामने लगी है भगवान परशुराम की तस्वीर। इस तस्वीर के आगे ही भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित की जानी प्रस्तावित है। मन्दिर परिसर से नीचे दाईं तरफ जाने पर बना है रुद्रवतार भैरव नाथ का मंदिर। यहां भैरव नाथ की प्राचीन सिन्दूरवदन मूर्ति नीचे स्थापित है। वहीं ऊपर भी भैरवनाथ की एक मूर्ति और विराजित है। वहीं यहां चारों तरफ काफी हरियाली है। काफी फलों और जड़ीबूटियों के पेड़-पौधे यहां लगे हुए हैं और पर्यावरण का सन्देश यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दे रहे हैं। चौधरी, पारीक सहित कई परिवार देवी को कुलदेवी के रूप पूजते हैं। जगमोहन चौधरी परिवार ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। विश्वास की ज्योत जलाने यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। एक बार जरूर इन पवित्र स्थल पर पधारें।
अब दीजिए इजाजत..कल फिर मिलेंगे…हर हर महादेव