चिड़ावा यानी शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं शहर की चिड़ावा कॉलेज से खेल मैदान की ओर जाने वाले रास्ते पर चक्की के पास नीचे की ओर जाने वाले रास्ते पर। इसी रास्ते पर धाबाई जी की कोठी पर बना है रघुनाथ जी का प्राचीन मंदिर। इस मंदिर की स्थापना खेतड़ी ठिकाने के अंतर्गत चिड़ावा के जागीरदार धाबाई जी ने करवाई। इसके बाद मन्दिर की पूजा का जिम्मा स्वामी परिवार को सौंपा गया। बताया जाता है कि खेतड़ी नरेश अजीत सिंह भी यहां पूजा करने पधारे थे। मन्दिर का पूजा अर्चना का जिम्मा सम्भालने वाले स्वामी परिवार ने मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया। मन्दिर के प्रवेश द्वार पर पेड़-पौधों की हरियाली मन मोह लेती है। मन्दिर के प्रवेश द्वार के ऊपर सूर्य देव और पवित्र धार्मिक चिन्ह अंकित हैं। मन्दिर में अंदर जाने पर सभा मण्डप में बने गर्भगृह में विराजे हैं श्री रघुनाथ-जानकी जी। खास बात ये है कि यहां के रघुनाथजी के मूंछे भी हैं। स्वामी परिवार के रिटायर्ड हवलदार रोशन स्वामी ने बताया कि रघुनाथजी और जानकी जी की ऐसी मूर्तियां खेतड़ी में ही लगी हैं। रघुनाथजी के गर्भगृह के बिल्कुल सामने दो मण्ड बने हैं। जिनमें रघुनाथजी की ओर मुख किए हुए दो हनुमान विराजित हैं। वहीं रघुनाथ जी के साथ ही उनके आराध्य महादेव भी यहां विराजे हैं। मन्दिर के ईशान कोण में शिव पंचायतन विराजित हैं। जिनमें खास बात ये है कि यहां शिवलिंग के पास दो गणेश विराजित हैं। वहीं करीब 7-8 साल पहले यहां एक ओर सभामण्डप में एक शिवालय और भी स्थापित किया हुआ है। यहां भी पूरा शिव परिवार विराजित है। शांत वातावरण में महादेव और उनके आराध्य रघुनाथजी की आराधना का इससे पवित्र और भक्तिमय वातावरण आपको अन्य कहीं नहीं मिलेगा। तो आइए एक बार जरूर इस पवित्र धर्म स्थल पर और कीजिए ईश्वरीय साक्षात्कार का मानसिक अनुभव..अब दीजिए हमें इजाजत कल फिर मिलेंगे एक और पवित्र देवालय में…हर हर महादेव
इस मन्दिर की पूरी वीडियो स्टोरी देखने के लिए नीचे दी तस्वीर पर क्लिक करें-
https://youtu.be/GuPKUEnyNqQ