Report Times
Otherचिड़ावाझुंझुनूंटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशधर्म-कर्मप्रदेशराजस्थानलेखस्पेशल

चिड़ावा : यहां सन्तों की तपोस्थली पर विराजे हैं रुद्र

पूरी वीडियो स्टोरी देखने के लिए नीचे दी तस्वीर पर क्लिक करें-

https://youtu.be/-FSKEzex2JE

शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं चिड़ावा के दक्षिण-पश्चिमी प्रवेश मार्ग पर रेलवे स्टेशन को पार करते ही चिड़ावा-सिंघाना बाईपास पर एलआईसी ऑफिस के पास दहलाना के दो जोहड़ों के मध्य बनी प्राचीन तपोस्थली पर। इस पवित्र स्थल पर सबसे पहले बिहारी दास जी ने करीब 250 पहले यहां जोहड़ के किनारे बालाजी महाराज की मूर्ति स्थापित कर उसकी पूजा अर्चना शुरू की। यहां पर ही उन्होंने तपस्या की। इस स्थान फिर मगदास जी ने भगवान की सेवा की और उनके बाद सन्त नारायण दास जी और सन्त छोटूदासजी
ने इस स्थान को अपनी तपोस्थली बनाया। छोटूदास के समय ही भक्तों के अनुरोध पर यहां शिवालय का निर्माण करीब 40 साल पहले कराया गया। आप देखिए हनुमान जी का ये मन्दिर। यहां पर बहुत ही नयनाभिराम मूर्ति विराजित है। मूर्ति के चारों और जय श्री राम लिखा है। वहीं पास में ही माता दुर्गा का मन्दिर है। माता की ये मूर्ति भी हनुमानजी के साथ ही स्थापित की गई। इस मंदिर के पास नीचे उतरकर बना है पंच मुखी हनुमान मंदिर। यहां सन्त छोटूदास ने पांच धूणी जलाकर तपस्या की। उन्होंने ही यहां पंचमुखी हनुमानजी को विराजित कराया। यहां हनुमानजी के और विग्रह भी स्थापित हैं। इस स्थल से बाहर आकर ऊपर की ओर आने पर बनी है सन्त नारायणदास जी समाधि। 1958 में उनका शरीर शांत हुआ और इन पवित्र स्थल पर ही उनकी समाधि बनाई गई। वहीं हनुमानजी के मन्दिर के बिल्कुल आगे की तरफ है सन्त नारायण दासजी की तपोस्थली। यहां पर सन्त ने धूणी तपी। यहां पर काल भैरव और भोमियाजी का मन्दिर भी बना हुआ है। एक चार मरुआ कुआं यहां बना है। इस कुएं के बिल्कुल सामने बना है शिवालय। पक्के जोहड़ के बिल्कुल किनारे पर बने इस शिवालय में पूरा शिव परिवार विराजित है। खास बात ये है कि शिवलिंग पर धातु से बने दो शेषनाग भी विराजे हैं। इस मंदिर परिसर के बाहर एक चमत्कार और भी देखने को मिलता है। यहां एक वटवृक्ष पर गणेशजी महाराज की आकृति उभरी हुई है। श्रद्धालु अब इस गणेशजी को सिंदूर अर्पण करते हैं और एक मूर्ति भी गणपति की यहां विराजित की गई है। गणपति के इस स्वरूप के दर्शन करने भी काफी श्रद्धालु यहां आते हैं। वर्तमान में यहां महेंद्र दास जी पूजा अर्चना कर रहे हैं और मन्दिर परिसर को हराभरा बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। एक बार जरूर शहर के अंतिम छोर पर बने इस पवित्र स्थल पर जरूर पधारें। अब दीजिए हमें इजाजत…कल फिर मिलेंगे..एक और देवालय में…हर हर महादेव

Related posts

Modi elected: मोदी चुने गए एनडीए के नेता, नायडू-नीतीश का भी मिला समर्थन

Report Times

शिवसेना के संजय राउत रहेंगे 4 अगस्त तक ED की हिरासत में

Report Times

नारद मोह की लीला से रामलीला का मंचन हुआ शुरू

Report Times

Leave a Comment