शिवनगरी चिड़ावा के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं कॉलेज रोड पर पोद्दार पार्क के सामने बनी नेमानी परिवार की धर्मशाला में।
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https://youtu.be/tikitCx6s6Y
यहां इस धर्मशाला के ऊपर लिखे कीर्ति गान में स्पष्ट उल्लेख है कि
यत्र गौरव फैलावणो, यह गणेश सुखधाम।
पच्चासी उन्नीस सौ, संवत विक्रमी जाण।।
चहुंदिसि चारु वर्ण के, लहै पथिक विश्राम।
नेमानी कलकर भयो, इयो मन्दिर निर्माण।।
यानी नेमानी परिवार ने इस मंदिर का निर्माण विक्रमी सम्मत 1985 में कराया गया। आने जाने वाले पथिक यहां विश्राम कर सकें, इसलिए धर्मशाला बनाई गई। आपको बता दें कि यहां नेमानी परिवार की खाली जमीन पड़ी थी। इसी जमीन पर सेठ सागरमल घनश्याम दास नेमानी का निधन होने पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। सेठ सागरमल की शिव के प्रति काफी आस्था थी। ऐसे में परिजनों ने उनके पुण्य स्थली पर छतरी बनाकर उसमें शिवालय का निर्माण कराया। वहीं इसी स्थान पर धर्मशाला भी बनाई गई। ऐसे में ये शिवालय धर्मशाला के अंदर के परिसर में आ गया। यहां पर एक पाठशाला का भी संचालन काफी समय तक किया गया। फिलहाल धर्मशाला की देखरेख का जिम्मा बाबूलाल डालमिया ने सम्भाल रखा है।
शिवालय में आप देखेंगे कि एक बड़ा शिवलिंग यहां स्थापित है। शिवलिंग के बिल्कुल पास में नन्दी महाराज विराजे हैं। वहीं एक तरफ पार्वती माता, कार्तिकेय जी और गणेश जी विराजित हैं। शिवालय के बाहर निकलते वक्त बाईं तरफ हनुमानजी का भी मन्दिर है। सिंदूर वदन मूर्ति यहां विराजित है। यहां शिवालय के बिल्कुल सामने बिल्व पत्र का पेड़ लगाए है । वहीं यहां लगे अन्य पेड़-पौधे वातावरण को शुद्ध बनाने में योगदान दे रहे हैं। वहीं रामोतार योगी यहां प्रतिदिन पूजा अर्चना करते हैं और लगभग 15 साल से धर्मशाला की सार-सम्भाल कर रहे हैं। नेमानी परिवार के सदस्य साल में एक बार यहां आकर शिवालय में धोक लगाकर जाते हैं। इस धर्म स्थल पर एक बार आपको भी दर्शनों के लिए पधारना चाहिए। अब दीजिए हमें इजाजत,…कल फिर मिलेंगे एक और शिवालय में…हर हर महादेव