चिड़ावा यानी शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं मावण्डिया कि ढाणी में रेलवे क्रॉसिंग के पास ककरानियों के कुएं के पास बनी धर्मशाला में…
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https://youtu.be/1FmyAUiECsE
…मिली जानकारी के अनुसार ककरानिया परिवार ने लगभग सौ साल पहले यहां पानी की समस्या को दूर करने के लिए कुएं का निर्माण कराया। इसी दौरान एक धर्मशाला भी यहां पर बनाई गई और कुएं के बालाजी को धर्मशाला के बीच में लगे पीपल और शमी वृक्ष के नीचे मन्दिर बनाकर उसमें हनुमानजी की सिन्दूरवदन मूर्ति विराजित कराई। इलाके के लोग यहां पूजा अर्चना करने आने लगे। करीब 50 साल पहले यहां शिवालय का निर्माण कराया गया। शिवालय में शिवलिंग के पास ही कार्तिकेय और नन्दी महाराज विराजे हैं। वहीं दूसरी तरफ माता पार्वती और गणेशजी महाराज भी विराजे हैं। यहां भी किसी समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने आते थे। लेकिन फिलहाल यहां की स्थिति सार-सम्भाल के अभाव में काफी दयनीय हो चली है। हनुमान जी का मन्दिर बेहद जीर्ण हालत में है । पूरे मन्दिर में दरारें आ गई हैं। ये कभी भी गिर सकता है। ककरानिया की यहां की जमीन झंडीप्रसाद हिम्मतरामका ने खरीद ली और पूजा अर्चना व सार-सम्भाल के लिए इस पवित्र स्थल का जिम्मा महाकवि परमेश्वर द्विरेफ़ के पुत्र बृजमोहन शर्मा को सौंपा है। इस परिसर के चारों तरफ की दीवार भी बनवाई गई है। लेकिन अभी भी यहां काफी सुधार की आवश्यकता है। आशा करते हैं कि क्षेत्र के श्रद्धालु भी अब यहां की सुधि लेंगे और एक बार फिर ये स्थान श्रद्धालुओं से आबाद होगा। तो क्षेत्र के श्रद्धालुओं के साथ ही हम आप सभी से भी कहेंगे कि इस प्राचीन स्थल पर एक बार जरूर पधारें। भगवान के प्राचीन स्वरूप के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाएं। अब दीजिए हमें इजाजत..कल फिर मिलेंगे एक और देवालय में…तब तक के लिए…हर हर महादेव