शिव नगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं पटवार भवन के पीछे बने श्री गुरु कृपा श्याम मंदिर में।
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https://youtu.be/3OqdZpMnSj8
हम आज आपको करवा रहे हैं श्रृंखला के सौ वें शिवालय के दर्शन। आपको बता दें कि यहां पर जहां वर्तमान में मंदिर बना हुआ है उसकी जगह पहले नीचे स्थान पर 1980 में भगत सांवरमल सैनी ने हनुमान जी महाराज की प्राचीन मूर्ति को यहां पर लाकर प्राण प्रतिष्ठित किया। तकरीबन 13 साल पहले इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। मन्दिर में प्रवेश करते ही सभागृह में लगी है सिन्दूरवदन प्राचीन मूर्ति। इसके एक तरफ गर्भ गृह में प्रभु श्रीश्याम और हनुमानजी की बड़ी ही आकर्षक मूर्ति स्थापित है। वहीं दूसरी तरफ बने दूसरे देवालय में विराजित हैं राधा-कृष्ण की बड़ी ही नयनाभिराम मूर्तियां। इनके बिल्कुल नीचे विराजे हैं लड्डूगोपाल। वहीं मन्दिर के परिक्रमा मार्ग में राधाकृष्ण मन्दिर के बिल्कुल पीछे बना है शिवालय।
शिवालय में शिवलिंग के साथ पार्वती माता, गणेश जी, कार्तिकेय जी और नन्दी महाराज विराजे हैं। आपको बता दें कि यहां पर एक धूणा भी बना हुआ है अखण्ड प्रज्वलित रहता है। एकादशी द्वादशी के दिन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है। फाल्गुन मेले के दौरान यहां से खाटू श्याम जी के लिए निशान पदयात्रा भी रवाना होती है। आपको बता दें कि भगवान की इस दर पर मनौती मांगने के लिए आने वाले श्रद्धालु यहां पर नारियल बांध कर जाते हैं और जब मनौती पूरी हो जाती है तो उस नारियल को खोला जाता है। तो इस देवों की अनूठी भूमि पर दर्शनों के लिए एक बार अवश्य पधारें और एक साथ कई देवों के दर्शन करने का पुण्य लाभ उठाएं। अब दीजिए हमें इजाजत…कल फिर मिलते हैं एक दिव्य देवालय में…और कराते हैं आपको भगवान के दिव्य दर्शन…हर हर महादेव