शिव नगरी चिड़ावा के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं स्टेशन के पास स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में।
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https://youtu.be/KRc_MJQCekE
आपको बता दें कि आप इस मंदिर का निर्माण 1952 में चिरंजीलाल चूड़ी वाला ने अपनी पत्नी की याद में करवाया। मन्दिर बनवाने के बाद बनारसी लाल पुजारी परिवार को पूजा के लिए इस मंदिर को सौंप दिया गया। उनके बाद उनके पुत्र राजेन्द्र पुजारी ने पूजा अर्चना की और अब उनके पुत्र निरंतर यहां पर पूजा अर्चना करते हैं वर्तमान में मंदिर में पूजा अर्चना का जिम्मा संभालने वाले संजय पुजारी बताते हैं कि भगवान लक्ष्मी नारायण की इतनी अद्भुत और बड़ी मूर्तियां आसपास के क्षेत्र में यहीं पर लगी हुई हैं। आप देखिए कितनी नयनाभिराम मूर्तियां हैं जिसमें भगवान के अद्भुत स्वरूप के दर्शन होते हैं। इस मंदिर के सभागृह के बिल्कुल पास में ही बरामदे में विराजे हैं परमहंस पंडित गणेश नारायण बावलिया बाबा और इससे थोड़ा सा आगे चलने पर बना हुआ है शिवालय। शिवालय में भगवान आशुतोष शिवलिंग स्वरूप में विराजे हैं और पूरा शिव परिवार भी यहां पर विराजित है। शिवालय के बाहर निकलते ही बना है हनुमान जी का मण्ड। जिसमें हनुमान जी की बड़ी ही नयनाभिराम मूर्ति लगी हुई है और इसके बिल्कुल सामने लगा है तुलसी माता का पौधा। मंदिर के प्रवेश द्वार पर मुख्य सड़क मार्ग से ही भगवान लक्ष्मी नारायण के अद्भुत दर्शन होते हैं। एक बार जरूर इस पवित्र स्थल पर आकर दर्शन करें और पुण्य के भागी बने अब दीजिए हमें इजाजत। कल हम आपको कराएंगे एक और देवालय में भगवान आशुतोष के अद्भुत दर्शन। तब तक के लिए… हर हर महादेव