बावलिया बाबा की 174वीं जयंती से बाबा की पुण्यतिथि 22 जनवरी तक हम आपको दिखाएंगे बावलिया बाबा की अलग-अलग मूर्तियों के दर्शन। ये मूर्तियां शिवनगरी चिड़ावा शहर में विभिन्न स्थानों पर विराजित हैं।
शुरुआत करते हैं चौरासिया मन्दिर से
परमहंस पण्डित गणेशनारायण बावलिया बाबा का जन्म विक्रमी संवत 1969 में पौष सुदी नवमी को बुगाला में हुआ। करीब 52-53 साल की उम्र में बाबा चिडावा पधारे। उन्होंने अपने जीवन काल का चिड़ावा में अधिकतम समय चौरासिया मन्दिर में शिवालय में ही बिताया। बाबा ने अपने प्राण भी भोलेनाथ के दर्शन करते हुए यहीं त्यागे। ऐसे में बाबा प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबा के शरीर त्यागने के कुछ साल बाद ही चौरासिया मन्दिर के इस शिवालय में पेंटर रामकुमार द्वारा बनाई गई बाबा की मूर्ति स्थापित की गई। वह मूर्ति आज भी विराजित हैं और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इनके दर्शन करने बाबा की साधना स्थली में आते हैं।