नयी दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि पीएम मोदी कई बार सही बातें कहकर अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ लक्षण दिखाते हैं लेकिन अपनी कथनी को करनी में परिवर्तित नहीं करते. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने सार्वजनिक रूप से जो कुछ कहा है, उसे अमलीजामा पहनाकर राष्ट्र की बेहतर सेवा कर सकते हैं. थरूर ने यहां पत्रकार सागरिका घोष द्वारा लिखित वाजपेयी की जीवनी (बायोग्राफी) के विमोचन के मौके पर परिचर्चा में कहा, ‘‘कभी-कभी अपने स्पीचों में वह सभी सही बातें कहकर अपने अंरेटूनी वाजपेयी को दिशा देते हुए जान पड़ते हैं लेकिन वह उन्हें अमलीजामा नहीं पहनाते. यही असली फर्क है.’’
उन्होंने मोदी के कश्मीर दौरे को याद किया जहां उन्होंने (मोदी ने) पर्यटन को बढ़ावा देने की चर्चा की थी और युवाओं से आतंकवाद का मार्ग छोड़ने की अपील की थी. थरूर ने कहा, ‘‘जो बातें उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहीं हैं, उनमें से कुछ को वह यदि लागू करना शुरू कर दें तो वह राष्ट्र की बेहतर सेवा कर सकते हैं.’’ वाजपेयी गवर्नमेंट में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने वाजपेयी को सहमति निर्माता बताया जो संसद में व्यवधान से परेशान हो जाते थे.
उन्होंने कहा, ‘‘वाजपेयी सहमति निर्माता थे. वह विश्वास करते थे कि लोकतंत्र सहमति से चलना चाहिए न कि संख्याबल पर.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज की संसद की बात की जाए, तो मैं पर्सनल रूप से सोचता हूं कि जब प्रधानमंत्री संसद में पहुंचे तो पूरा सत्तारूढ़ दल चिल्लाने लगा, जो लोकसभा में अबतक का सबसे विद्रूप दृश्य है. मैंने कभी कल्पना नहीं की कि संसद में ऐसी वस्तु होगी.’’ सिन्हा ने 2018 में भाजपा छोड़ दी थी और अब वह तृणमूल कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष हैं.