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आज सीकर शहर का 335वां स्थापना दिवस है। इस दिन रामनवमी का शुभ संयाेग हाेता है। इस माैके पर भास्कर ने सीकर शहर की तरक्की का गणित एक्सपट्र्स से तैयार करवाया है। शिक्षा, कृषि, रियल एस्टेट और विदेशी मुद्रा का आना इसके चार प्रमुख कारण हैं।
गर्व करने वाला तथ्य ये है कि कोचिंग हब के रूप में मशहूर हाेने के बाद सीकर शहर अब स्कूलिंग एजुकेशन में भी अव्वल हाे चुका है। इसी कारण यहां पढ़ाई करना प्रदेश के सभी 33 जिलों के साथ ही हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली तक के स्टूडेंट्स काे पसंद है। बेहतरीन माहौल और उच्च स्तरीय कैंपस इसके प्रमुख कारण हैं। इस वक्त सीकर शहर के निजी स्कूलों में बाहर के 40 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। विदेशी मुद्रा आने में सीकर प्रदेश के टॉप-5 शहराें में है तो जमीन की रेट इतनी बढ़ गई है कि तोदी नगर में एक प्लॉट 2.16 करोड़ रुपए से ज्यादा में बिका था।
स्कूल एजुकेशन
खेलों की बेहतर सुविधाओंं के साथ स्किल डवलपमेंट पर फाेकस
अब स्कूल एजुकेशन के लिए सीकर आने वाले स्टूडेंट्स का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। सीकर में 55 से अधिक सीबीएसई और राजस्थान बाेर्ड के स्कूल हैं। जनसंख्या घनत्व के आधार पर स्कूल-कॉलेजों की संख्या में सीकर जिला प्रदेश में पहले नंबर पर है।
जिले में 5253 सरकारी और निजी स्कूल हैं, जिनमें करीब 6 लाख स्टूडेंट्स हैं। नीट, जेईई, एनटीएसई, एसटीएसई की काेचिंग में भी सीकर आगे है। ओलंपियाड में प्रदेशभर में बेहतरीन रिजल्ट देने के साथ अव्वल है। बच्चाें काे स्पाेर्ट्स, पर्सनलिटी ग्रूमिंग, स्किल डवलपमेंट पर भी पूरा फाेकस किया जाता है। स्कूलों के कैंपस बड़े व ग्रीन हैं।