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गर्मी शुरू होने के साथ बिजली की खपत भी बढ़ने लगी है। गर्मी में इस समय अधिकतम तापमान भी करीब 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऐसे में इस मौसम में बिजली की मांग बढ़ गई है। अधिकारियों की माने तो पिछली बार अप्रैल के प्रथम सप्ताह में रोजाना 50 लाख यूनिट बिजली की खपत हो रही थी। लेकिन, इस बार अप्रैल के शुरुआती दिनों में 63 से 64 लाख यूनिट बिजली रोजाना खपत होने लगी है। यानी रोजाना 13 लाख यूनिट का उपभोग बढ़ गया।
पांच लाख से अधिक कनेक्शन
जिले में घरेलू, कृषि, व्यवसाय समेत अन्य उपभोक्ताओं को मिलाकर पांच लाख 40 हजार उपभोक्ता है। इनमें 4 लाख 25 हजार अकेले घरेलू उपभोक्ता है। परंतु गर्मी के कारण एसी, कूलर, पंखे फ्रीज समेत अन्य उपकरणों के चलने से खपत होने लगी है। आने वाले समय में बिजली खपत से भी इंकार नहीं किया सकता।
कूलर-एसी से बढ़ी बिजली की खपत
सामान्य दिनों में जहां काफी कम बिजली की जरूरत होती है। वहीं गर्मी में एसी और कूलर चलने से खपत बढ़ती जा रही है। घरों से लेकर दुकानों, निजी और सरकारी कार्यालयों में एसी कूलर चलने से खपत काफी बढ़ी है। सरकारी और निजी कार्यालयों में बड़ी संख्या में एसी चल रहे हैं। कई घरों में तो तीन से पांच कूलर चल रहे हैं। वहीं अस्पताल, होटल, बैंक अन्य कार्यालयों में भी कूलर और एसी चल रहे हैं। ऐसे में बिजली की खपत काफी बढ़ गई है।
अप्रैल-मई के बिलों में पड़ेगा जेब पर असर
बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक हर साल सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में अप्रैल माह में औसतन 100 से 150 यूनिट बिजली की खपत होती है, जो इस बार 180 से 250 यूनिट तक हो सकती है। ऐसे में इस बार अप्रैल-मई के बिल लोगों को भारी पड़ेंगे, क्योंकि उन्हें ठंडक के लिए बिजली के उपकरणों का सहारा लेना ही पड़ेगा। एक मध्यमवर्गीय परिवार में चलने वाले न्यूनतम उपकरणों की बात करें तो रोजाना 2.5 किलोवाट तक का लोड एक मीटर पर पड़ता है।