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नाबालिगाें की सुरक्षा के लिए कार्यरत बाल कल्याण समिति पर ही एक नाबालिग और उसके परिजनाें ने प्रताड़ित करने का आराेप लगाया है। गुरुवार काे प्रभारी मंत्री ममता भूपेश काे इसके संबंध में शिकायत की गई है। प्रभारी मंत्री काे साैंपे ज्ञापन में पिलानी क्षेत्र के इस परिवार ने बाल कल्याण समिति अध्यक्ष पर प्रताड़ित करने के आराेप लगाए हैं। ज्ञापन में बताया है कि उसकी नाबालिग बेटी का प्रकरण बाल कल्याण समिति झुंझुनूं में चल रहा था। जिसमें बेटी बालिका आश्रय गृह चूरू में थी। नाबालिग ने जब घर जाने की इच्छा जाहिर की तो बाल कल्याण समिति ने मेडिकल कराकर 6 अप्रैल को घर जाने की इजाजत दे दी।
इसी दिन शहर के बीडीके अस्पताल में मेडिकल जांच करवाई गई। जिसमें उसकी स्वास्थ्य रिपोर्ट नाॅर्मल तथा प्रेगनेंसी रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद भी उसे अनजान नंबराें से बाल कल्याण समिति झुंझुनूं, चूरू व पुलिस के नाम से काॅल कर परेशान किया जा रहा है। जिसकी जानकारी उन्हाेंने बाल कल्याण समिति झुंझुनूं को ईमेल द्वारा दी लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
बेटी काे माहवारी नहीं होने की सूचना किसी जरिए से समिति झुंझुनूं को मिली होगी। इसके बाद से परेशान किया जाता रहा। हमने अपने स्तर पर पिलानी में 23 अप्रैल को निजी चिकित्सालय में बेटी की प्रेगेंनेसी जांच करवाई, जाे निगेटिव आई है। हमारे और बेटी के न चाहने के बावजूद बाल कल्याण समिति झुंझुनूं की ओर से जबरन मंगलवार काे पुलिस ने हमें बुलाया। बाल कल्याण समिति झुंझुनूं अध्यक्ष अर्चना ने डरा धमकाकर जबरदस्ती सोनाेग्राफी करवाई।