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अल्पसंख्यक मामलात विभाग की ओर से मदरसों में आधुनिक शिक्षा के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला दो सत्र में आयोजित की गई। प्रथम सत्र में मदरसा पैराटीचर, मदरसों के सदर और सचिव उपस्थित रहे। द्वितीय सत्र मदरसों में आधुनिक शिक्षा मुख्य विषय रहा। द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता पूर्व आईएएस जाकिर खान थे।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद अनीस खान ने कहा कि मदरसों में नामांकन बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं है उनको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। मदरसों के लिए सरकार की योजनाएं हैं उनको नीचे स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी शिक्षा सहयोगियों की है। शिक्षा सहयोगी सरकार और आम लोगों के बीच की कड़ी है।
शिक्षा सहयोगी मदरसों में अच्छी तालीम का अच्छा माहौल पैदा करें, जिससे लोग अपने बच्चों को मदरसों में भेजे। मदरसों में सरकार की मंशा के अनुसार बेहतर से बेहतर कार्य होना चाहिए। मदरसों के आधुनिकीकरण पर भी सरकार का फोकस है। मदरसा पैरा टीचर को अपना पूरा वक्त देकर मदरसों में शिक्षा की एक नई रोशनी पैदा करनी है। ताकि सरकार की इस बेहतर योजना का बच्चों को लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा मदरसों की कमेटी भी बहुत महत्वपूर्ण है। मदरसों से संबंधित जो भी समस्या है, वह विभाग को अवगत करवाएं। ताकि तुरंत निस्तारण किया जाएगा। मदरसा कमेटी और पैराटीचर मिलकर मदरसों में प्रवेश का उत्सव मनाए ताकि लोगों को एक अच्छा माहौल नजर आए। ट्रेनी डीएमओ रवि कुमार ने भी संबोधित किया उन्होंने अल्पसंख्यक मामलात विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस जाकिर खान कहां की किसी भी समाज का आईना शिक्षा है। शिक्षा के बिना कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता और हमें शिक्षा को बहुत मजबूती के साथ पकड़ना है। उन्होंने कहा हमें जागरूक लोगों को जिम्मेदारी लेनी होगी तभी समाज शिक्षा की ओर बढ़ेगा। अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में अल्पसंख्यक समाज में कार्य करने की बहुत बड़ी आवश्यकता है। इससे पहले पूर्व आईएएस जाकिर खान का स्वागत किया गया।