reporttimes
काजड़ा पीएचसी की डॉक्टर सरोज पायल को एपीओ करने पर ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है। ग्रामीणों ने मिठाइयां भी वितरित की। ग्रामीण डॉ. सरोज पायल की कार्यशैली को लेकर काफी दिनों से परेशान थे। काजड़ा के लोगों ने इस सम्बन्ध में चिकित्सा विभाग में काफी बार शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी।
सरपंच मंजू तंवर ने बताया कि काजड़ा पीएचसी पर तैनात डॉक्टर सरोज के व्यवहार से सभी परेशान थे। कई बार शिकायतें की, लेकिन चिकित्सा विभाग ने जांच भी की थी। सूरजगढ़ के बीसीएमओ के कहने पर उन्हें एक मौका दिया गया था। लेकिन डॉक्टर ने अपने व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं किया था। मरीजों से भी अच्छा व्यवहार नहीं था। डॉ. सरोज का यहां पर होने से या नहीं होने से कोई लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा था।
सरपंच ने बताया कि उन्होंने भी कई बार समझाने का प्रयास किया था, लेकिन डॉ. सरोज नहीं मानती थी। अब उनको एपीओ कर दिया गया है। इससे ग्रामीणों में खुशी है। सरपंच ने मांग की है कि वापस डॉ. सरोज को काजड़ा नहीं लगाया जाए। उल्लेखनीय है कि डॉ. सरोज को दुष्कर्म पीड़िता के मेडिकल में देरी करने और ड्यूटी लगाने के बाद भी अस्पताल नहीं पहुंचने पर एपीओ कर दिया गया था। इस सम्बन्ध में डॉ. सरोज का कहना है कि उन्हें राजनीति के कारण एपीओ किया गया है। वे अस्पताल से गई थी। उन्हें पथरी का दर्द शुरू हो गया था। इसलिए चिड़ावा में अस्पताल में इलाज करवा रही थी। विभाग के आलाधिकारियों को अवगत भी करवा दिया था, इसलिए वे सूरजगढ़ में मेडिकल के लिए नहीं पहुंच पाई थी।