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ऐसे मरीज जिनमें हार्ट की काम करने की क्षमता कम होने का पता चलता है, और मरीज के शरीर का एक हिस्सा पैरालाइज होने या अन्य कारणों के चलते रूटीन पेसमेकर लगाना लगभग मुश्किल होता है, ऐसे में लीडलेस पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया जाता है। साथ ही पेसमेकर से एलर्जी वाले रोगी में भी लीडलेस पेसमेकर लगाया जाता है जिसे साधारण पेसमेकर से एलर्जी की दुर्लभ बीमारी होती है। ऐसे रोगी के ह्रदय में साधारण पेसमेकर लगाने पर उनमें खराबी आ जाती है और उसको बदलना पड़ता है।
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